फोन से एंबुलेंस स्टाफ को परेशान करने वालों पर लगाम लगेगी

भोपाल | मध्य प्रदेश में 108 एंबुलेंस को लेकर सरकार नया रोडमैप बना रही है जिससे शहर में 15 से 18 मिनट और ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 30 मिनट में बताए गए घटनास्थल पर पहुंचने वाली 108 नया सिस्टम लागू होने के बाद कम समय में पहुंच जाएगी। अब दुर्घटना के दौरान 108 एंबुलेंस के लेट होने जैसी समस्याओं से निजात मिल सकेगी।

एंबुलेंस कॉल आने के बाद 13 मिनट में ही दुर्घटनास्थल तक पहुंच जाएगी। एंबुलेंस का संचालन अब टैक्सी के रूप में किया जाएगा। नई कंपनी के लिए नियमों को लेकर एनएचएम ने रोडमैप तैयार किया है। नये सिस्टम के बाद फर्जी फोन से एंबुलेंस स्टाफ को परेशान करने वालों पर भी लगाम लगेगी। लोकेशन आने के बाद लोग फर्जी फोन करने से हिचकेंगे।

अधिकारियों के मुताबिक 108 का संचालन टैक्सी की तर्ज पर करने से जरूरतमंदों को फायदा मिलेगा। एनएचएम गाड़ियां नहीं खरीदेगा, बल्कि कंपनियां खुद अपनी गाड़िय़ां लगाएंगी। इसके लिए कंपनी गाड़ियां किराए पर ले सकती हैं। इससे विभाग का गाड़ियों को खरीदने में लगने वाले पैसे का उपयोग सुविधाओं के लिए होगा।

ऑनलाइन होगा पूरा सिस्टम
फर्जी बिल भुगतान के मामले सामने आते रहे हैं। नई व्यवस्था में पूरा सिस्टम आॅनलाइन होगा। एक एंबुलेंस कॉल आने से लेकर दुर्घटना स्थल पर पहुंचने तक पूरा ट्रैक रिकॉर्ड होगा। इस आधार पर ही बिल जनरेट होगा। अगर एंबुलेंस कॉलर के पास पहुंचने में लेट होती है तो, डिवाइस खुद-ब-खुद पेनल्टी लगाकर बिल जनरेट करेगा।

ये सुविधा रहेगी
नई एंबुलेंस को डायल 100 की तरह एमडीसी डिवाइस से अपडेट किया जाएगा। अभी कंट्रोल रूम में केवल लोकेशन दिखती है। कॉल ट्रैकर को कॉलर से जानकारी हासिल करनी पड़ती है। कई बार कॉलर सही जानकारी नहीं दे पाता, ऐसे में पहुंचने में देर लगती है। नए सिस्टम के तहत गाड़ी में लगी डिवाइस की स्क्रीन पर कॉलर का पूरा डेटा और लोकेशन सामने होगी। इससे वो सीधे कॉलर के पास पहुंच जाएगी।