गेहूं उपार्जन: मैसेज देकर बुलाया, तीन दिन से खरीदी नहीं
सतना | जिले में गेहूं उपार्जन का काम शुरू हुए एक पखवाड़ा होने को आ रहा है पर अभी तक खरीदी ने जोर नहीं पकड़ा। एक तो काफी कम किसानों को उपार्जन के मैसेज भेजे जा रहे हैं और जो अनाज लेकर केन्द्रों में पहुंच भी जाता है उससे कई-कई दिनों तक खरीदी नहीं होती। के न्द्रों में सबसे अधिक समस्या सड़े बारदानों में खरीदी के साथ ही पर्याप्त स्थान का न होना भी है। इसके अलावा पानी और छांव की व्यवस्थाएं भी अधिकांश केन्द्रों से गायब हैं। ऐसी ही समस्या से दो-चार होते एक दर्जन के करीब किसान उचेहरा जनपद अंतर्गत पतौरा के खरीदी केन्द्र में देखने को मिले। सबसे बड़ी समस्या गोदाम खोलने के लिये तैनात वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन के कर्मचारी का समय पर न पहुंचना भी है।
13 को बुलाया, नहीं हुआ उपार्जन& जिले में 15 मई तक गेहूं का उपार्जन होना है पर अभी तक पर्याप्त मात्रा में मैसेज नहीं भेजे जा रहे। जो मैसेज आ भी रहे हैं उन किसानों से उपार्जन नहीं होता। सेवा सहकारी समिति पतौरा का खरीदी केन्द्र इस बार भी बंगला स्थित निजी वेयर हाउस में बनाया गया है। वेयर हाउस के अधिकांश भाग में अभी भी पिछले साल का गेहूं और धान रखी हुई है। केन्द्र के बाहर जिस तरफ से खरीदी हो रही है वहां पत्थर (पटपर) के बड़े बड़े ढेले पड़े हुए हैं लिहाजा खरीदी गोदाम के अंदर सीधे दरवाजे पर ट्राली खड़ी करके होती है। इसके चलते समय भी काफी लगता है। यहां करीब दो सौ क्विंटल गेहूं लेकर आये भर्री निवासी किसान लक्ष्मण तिवारी 13 अप्रैल से पड़े हुए हैं।
उनका कहना है कि पुराने जूट के बारदाना हैं पर सड़े होने से भरने और तौल में समस्या आ रही है। डढ़िया निवासी किसान काशीदीन साहू को 14 के लिये बुलाया गया था तब से वे दो सौ क्विंटल से अधिक गेहूं से लोड ट्राली लेकर इंतजार कर रहे हैं। केन्द्रों में खरीदी का समय प्रात: 8 से रात्रि 8 बजे तक का है पर गोदाम ही सुबह 11 बजे तक खुलता है। क्योंकि यहां वेयर हाउसिंग कार्पोरेशन की ओर से तैनात कर्मचारी अपने तय समय में सतना से चाबियां लेकर 11 बजे तक पहुंचते हैं। यहां किसानों व श्रमिकों के पीने के लिये पानी और छांव की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई।
पंजीयन 84 हजार से अधिक, खरीदी 2123 से
जिले में खरीदी शुरू हुए 15 दिन गुजर चुके हैं और अब एक माह का समय शेष है फिर भी उपार्जन की गति काफी धीमी है। रोजाना कहीं न कहीं से केन्द्र खोलने और मैसेज न आने की शिकायतें आ रही हैं। जिले में 84 हजार 838 किसानों का पंजीयन है पर 15 दिन में सिर्फ 2134 किसानों से ही खरीदी हो सकी है। जिले में 140 के करीब केन्द्र बनने हैं और बने 117 हैं। इनमें भी चालू सिर्फ 92 हैं जहां अब तक 1470 मीट्रिक टन के करीब गेहूं खरीदा गया है। यदि खरीदी की चाल ऐसी ही रही तो प्रदेश के मुख्यमंत्री का एक एक दाना खरीदने का वायदा पूरा होने में जून का महीना भी गुजर जाएगा जबकि 15 मई तक ही उपार्जन होना तय किया गया है।
चार दिन पहले ही तो यह केन्द्र चालू हुआ है। काफी कम मैसेज भी भेजे गये हैं फिर भी जो किसान गेहूं लेकर आ रहे हैं उनसे खरीदी नहीं की जाती। मैं खुद 3 दिन से पड़ा हूं। परेशानी तो होती है ट्रैक्टर-ट्राली का भाड़ा भी लग रहा है।
लक्ष्मण तिवारी, किसान भर्री
मेरा पंजीयन 205 क्विंटल का है। 14 के लिये मैसेज गया था और समय पर आ भी गया पर उपार्जन नहीं हुआ। केन्द्र में न तो खुले में बोरियां भरने के लिये स्थान है और न ही सही बोरे। पाने के पानी और छाया की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
काशीदीन साहू, किसान डढ़िया
केन्द्र में 12 अप्रैल से खरीदी शुरू हुई है पर स्थान की कमी और बोरे पुराने होने से खरीदी में समस्या आ रही है। यहां तीन दिनों में सिर्फ 20-25 किसानों से 2 हजार क्विंटल के करीब ही गेहूं खरीदा जा सका है।
अनुज चतुर्वेदी, केन्द्र के सर्वेयर