जिले में 12 हजार से अधिक पीएम आवास अधूरे

रीवा | केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना पीएम आवास पर जैसे ग्रहण लग गया है। लॉक डाउन और उसके बाद निर्माण सामग्रियों की महंगाई ने आवासों को तो महंगा कर ही दिया, इसके अलावा इनके निर्माण में भी कई कठिनाइयां आ रही हैं। पता चला है कि अभी भी 12 हजार से अधिक पीएम आवास अधूरे पड़े हुए हैं। जबकि इनका निर्माण काफी पहले हो जाना चाहिए था। गौरतलब है कि वर्ष 2016 से अब तक जिले में कुल 57 हजार 670 पीएम आवास स्वीकृत हुए हैं। जिनमें से सिर्फ 45 हजार ही बन पाए हैं बाकी अधूरे हैं। जिन्हें जल्द पूरा करने के निर्देश अधिकारियों ने दिए हैं। मगर हर बार कोई न कोई अड़चन सामने आ रही है।

बताया गया है कि नगर निगम द्वारा एएचपी घटक के अंतर्गत अब तक ईडब्ल्यूएस केटेगरी के 2240 आवास, एलआईजी के 576, एमआईजी के 216 आवास और 309 दुकानों का निर्माण चल रहा है। जिनमें से 910 आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है और 1632 आवासों को आवंटित किया जा चुका है। इसी प्रकार बीएलसी घटक के 4278 आवासों में से 4233 आवास स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 1519 भवनों का निर्माण पूरा हो पाया है।

बाकी निर्माणाधीन हैं। पता चला है कि पीएम ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2016-17 से 2018-19 में 41 हजार 336 आवासों में से 38 हजार 771 आवासों का निर्माण पूरा हो चुका है। जबकि वित्तीय वर्ष 2019 से 20 के दौरान 16 हजार 334 स्वीकृत आवासों में से महज 6332 भवनों का निर्माण ही पूरा किया जा सका है।

यह है निकायवार स्थिति
बताया गया है कि सबसे ज्यादा आवास मऊगंज में स्वीकृत हुए हैं जिनकी संख्या 2431 है। जिनमें से 1623 बन चुके हैं और निर्माणाधीन हैं, शेष का काम शुरू नहीं हुआ। इसी प्रकार हनुमना में स्वीकृत 604 आवासों में 475 का ही निर्माण प्रगति पर है। जबकि चाकघाट के 909 स्वीकृत आवासों में 444 में से कई पूर्ण हैं तो कुछ प्रगतिरत हैं। वहीं गुढ़ के 1213 स्वीकृत भवनों में से सिर्फ 277 का निर्माण हो चुका है और बाकियों का चल रहा है। गोविंदगढ़ के 940 आवासों में सिर्फ 450 पूरे किए गए हैं।

सेमरिया के 710 स्वीकृत आवासों में महज 232 पर ही काम हुआ है। सिरमौर में 327 आवास का निर्माण कार्य पूरा हो पाया है। मनगवां के 504 स्वीकृत आवासों में से 397 का काम पूरा हो चुका है। त्योंथर के 1445 स्वीकृत भवनों में से सिर्फ 502 का निर्माण पूरा हुआ है और कार्य प्रगतिरत है। इसी प्रकार बैकुण्ठपुर में 1025 स्वीकृत आवासों में से 130 का निर्माण पूर्ण हुआ है। वहीं नईगढ़ी में 1149 आवासों में से 1041 का काम पूर्ण हुआ है और शेष का निर्माण कार्य ही नहीं शुरू हुआ।