प्रिंट रेट से महंगे बिके गुटखे, डेढ़ गुना कीमत वसूल रहे कारोबारी
सतना | जिले में कोरोना के बढ़ते मरीजों व प्रशासन की सख्ती के बाद लोगों में फिर से लॉकडाउन की अफवाह फैलाकर गुटखा कारोबारियों ने कालाबाजारी शुरू कर दी है। लाकडाउन की अफवाह के चलते जहां गुटखा के शौकीनों ने इसका स्टाक करना शुरू कर दिया है वहीं आपदा में अवसर तलाशते हुए गुटखा कारोबारियों ने उपभोक्ताओं की जेब काटना शुरू कर दिया है।
हैरानी की बात है कि कालाबाजारी पर कस्बाई पुलिस तो कार्रवाई कर रही है लेकिन जिला मुख्यालय में बैठी संबंधित विभागों की टीम हाथ पर हाथ धरे उपभोक्ताओं को लुटते देख रही है। सर्वाधिक कालाबाजारी राजश्री गुटखा को लेकर है। बताया जाता है कि यहां राजश्री के दो थोक कारोबारी हैं जिन्होने कई ट्रक गुटखा पहले से ही स्टाक कर रखा है। अब जैसे ही प्रशासन कर्फ्यू या लाकडाउन की आहट देता है, स्टाक गुटखे को डेढ से दो गुना कीमत में बेचना शुरू कर देते हैं।
थोक व्यापारियों ने गुटखा की कालाबाजारी शुरू कर दी है। हालात ये है कि अब जिला मुख्यालय पर 185 का राजश्री गुटखा का पैकेट 350 रुपए तक में दिया गया है। जब थोक विक्रेताओं ने दाम बढ़ा दिए तो फुटकर कारोबारियों ने भी दामों में खासा इजाफा कर दिया। हालात यह रहे कि गुरूवार को 10 रूपए का पाउच 15 रूपए में तो 20 का पाउच 25 से 30 रूपए में बेचा गया । यही स्थिति तकरीबन हर गुटखे की है। बताया जाता है कि राजश्री का कारोबार करने वाला कारोबारी पहले से ही पुराने स्टाक को दबाए बैठा था जिसे अब महंगे दामों में बेचकर कालाबाजारी कर रहा है।
हैरानी है कि खुलेआम चल रही इस कालाबाजारी पर जिला प्रशासन का कोई अंकुश नहीं है। जिस प्रकार से खुलेआम गुटखे की कालाबाजारी हो रही है उससे यह स्पष्ट है कि इस कालाबाजारी को संबंधित विभाग के अधिकारियों की शह मिली हुई है। मजे की बात है कि जिले के कस्बाई क्षेत्र रामनगर में तो कालाबाजारी पर कार्रवाई हुई लेकिन जिला मुख्यालय के अधिकारी कालाबाजारी रोकने कब प्रभावी कदम उठाएंगे।
आखिर शार्टेज क्यों
गुटखा व कई किराना सामग्रियों के दाम दुकानदारों ने शुक्रवार को मनमाना तरीके से बढ़ा दिए। सवाल यह है कि जब ट्रांसपोर्टेशन बंद नहीं है और सामग्री की आवक पर कहीं रोक-टोक नहीं है तो फिर कृत्रिम संकट पैदा कर आखिर उपभोक्ताओं की जेब क्यों काटी जा रही है।