अतिथि विद्वानों को चार माह का वेतन देने ईसी की मिली मंजूरी

रीवा | अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वान मानदेय को लेकर पिछले चार हफ्तों से आंदोलनरत थे। अब जाकर उनकी मांग पूरी हुई है और अतिथि विद्वानों ने अपना प्रदर्शन समाप्त कर दिया है। बुधवार को विश्वविद्यालय के कान्फ्रेंस हाल में हुई ईसी बैठक में सदस्यों के पास अनुमोदन के लिए सिर्फ एक एजेन्डा रहा मगर उसे भी अनुमोदित करने मेंं घंटों विचार विमर्श किया गया। अन्तत: डेढ़ सौ से अधिक अतिथि विद्वानों के पक्ष में फैसला सुनाया गया।

ईसी सदस्यों की आपसी सहमति से मई, जून और सितम्बर, अक्टूबर का मानदेय जारी करने के निर्देश दिये। जबकि जुलाई और अगस्त इन दो महीनों का मानदेय के संबंध में निर्णय राज्य सरकार को सौंप दिया। हालांकि चार महीने के मानदेय मिलने से अतिथि विद्वानों ने सहमति जताई और अपना क्रमिक अनशन समाप्त कर दिया। 

बताया गया है कि सुबह साढ़े 11 बजे से शुरू हुई बैठक साढ़े तीन बजे समाप्त हुई। अतिथि विद्वानों का मानदेय भुगतान करने ईसी ने विवि प्रबंधन को दस दिनों के अंदर देने के निर्देश दिये है। माह जुलाई और अगस्त के मानदेय के संबंध में राज्य सरकार द्वारा सहमति जताने के बाद उसका भुगतान भी विवि प्रशासन द्वारा कर दिया जाएगा। 

पता चला है कि पिछले 28 दिन से मानदेय को लेकर प्रदर्शन कर रहे अतिथि विद्वानों को मानदेय दिलाने के लिए और स्थिति को समझने के लिए पूर्व मंत्री और विधायक राजेन्द्र शुक्ला और देवतालाब विधायक गिरीश गौतम ने विश्वविद्यालय के रजिस्टार से फोन में बातचीत भी की थी। अतिथि शिक्षकों ने पूर्व मंत्री और देवतालाब विधायक का धन्यवाद किया। ईसी बैठक में कार्य परिषद सदस्यों में प्रो. अतुल पाण्डेय, डॉ. एके त्रिपाठी, डॉ. क्षितिज पुरोहित, रविन्द्र चौहान, पुष्पा पटेल, डॉ. पंकज श्रीवास्तव मौजूद रहे। वहीं बैठक में विवि कुलपति प्रो. एनपी पाठक, कुलसचिव डॉ. बृजेश सिंह मौजूद रहे। 

वापस काम पर जुटेंगे अतिथि विद्वान
पिछले 28 दिनों से विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को नियमित रूप से आनलाइन पढ़ाई का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिससे आगामी सेमेस्टर परीक्षाओं में सिलेबस अधूरा रह जाने का भी डर है। बताया गया है कि गुरुवार से ही गेस्ट फेकल्टी वापस अपने काम पर उतरेंगे और आनलाइन स्टडी मैटेरियल तैयार करना शुरू कर देंगे। इसके अलावा जनवरी से प्रारंभ हो रही कक्षाओं में भी गेस्ट फेकल्टी अध्यापन का बीड़ा संभालेगी।

नहीं मिलेगा दिसम्बर का मानदेय
ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वानों को कार्य दिवस के अनुसार मानदेय दिया जाता है। अक्टूबर और नवम्बर में अतिथि विद्वानों ने आनलाइन अध्यापन का कार्य किया जिसका उन्हें मानदेय प्राप्त होगा। मगर दिसम्बर महीने में फिलहाल एक भी दिन अतिथि विद्वानों ने छात्रों की कक्षायें नहीं ली बल्कि लगातार 28 दिन से प्रदर्शनरत रहे। ऐसे में बिना कोई काम किए उन्हें दिसम्बर महीने का मानदेय तो नहीं मिलने वाला।