जिला शिक्षा केंद्र के डीपीसी ने कहा-, जिसके भीतर जिज्ञासा वही सही मायने में छात्र

सतना | पहले की शिक्षा पूर्णअध्ययन पर आधारित थी लेकिन बदलते वक्त के साथ छात्रों की सोच में भी परिवर्तन आया है और उनके लिए बेहतर शिक्षा का अर्थ चुनिंदा प्रश्न-उत्तरों को याद कर टाप पोजीशन तक पहुंचना रह गया है। एक सफल छात्र वहीं है जिसके भीतर जिज्ञासा है और सवालों को हल करने का जज्बा। छात्रों को नई तकनीक अपनाकर शिक्षा के बेसिक्स पर ध्यान देना चाहिए तभी वे अध्ययन के क्षेत्र में सफलता हासिल कर राष्ट के विकास में योगदान दे सकते हैं। कठिन परिश्रम से चुनौतियों का सामना करने की नसीहत छात्रों को देते हुए जिला शिक्षा केंद्र के जिला परियोजना समन्वयक सुरेंद्र सिंह बघेल डीपीसी बबने के पूर्व नकैला विद्यालय में व्याख्याता के पद पर पदस्थ थे। उन्होने  स्टार समाचार से चर्चा करते हुए कई मसलों पर अपने विचार साझा किए।

प्रश्न : कोरोना काल में छोटे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, इस पर आप की क्या राय है?
उत्तर: देश में कोरोना वायरस की वजह से सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं जिसकी वजह से स्कूल के विद्यार्थी पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने जीरो इयर घोषित नहीं किया है। बच्चे संक्रमण से बचे रहें  और पढ़ाई निरन्तर चलती रहे इसलिए प्रदेश सरकार द्वारा छात्र-छात्राओं को शिक्षा प्रदान करने के लिए हमारा घर हमारा विद्यालय  योजना चालू की गई  है। योजना के अंतर्गत प्राथमिक स्कूल के बच्चों  को पढ़ाने शिक्षक घर या मोहल्लों मे जाकर ग्रुप बनाकर शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। यह योजना एक भावनात्मक पारिवारिक पहल की योजना है। 

प्रश्न: क्या यह सफल है?
उत्तर: इस पर अभी तक किए गए निरीक्षण में हमने ग्रामीण बस्तियों में जाकर बच्चों की किताबें मांगते हैं होम वर्क जांचते हैं अभिवावकों से भी बात करते हैं। यह योजना सफल नजर आ रही है। न कहिए कहीं कुछ रेयर मामले हों जहां शिक्षक न पहुंच रहे हों। 

प्रशन : आपने सतना-रीवा में कार्य किया क्या अंतर समझ में आ रहा है?
उत्तर : मैं मूलत: रीवा का ही निवासी हूं। शिक्षा-दीक्षा भी रीवा में हुई। इसके पहले मैं रीवा में ही तिलखन में प्राचार्य था। मैने पाया कि सतना पर्यावरण में सुपर पोजीशन पर है। सफाई व एजुकेशन में भी काफी अच्छा है। यहां के शिक्षक अनुशासित  कार्य करने में दक्ष हैं। 
प्रश्न : अभी हाल ही में ये बातें सामने आई थीं कि आप डीपीसी का पद छोड़ना चाहते हैं और मूल विभाग में वापस जाना चाहते हैं अगर यह सही है तो वजह? 
उत्तर : देखिए 29 सितम्बर को मैनें डीपीसी का पद संभाला। जब मैं आया तो बहुत काम पेडिंग पड़ा था जिसकी वजह से काम का प्रेशर बहुत ज्यादा है। पहले जो यहां थे उन्होंने ठीक से काम नहीं किया जिसकी वजह से बैठकों में बहुत जवाब देना पड़ता है लेकिन अब पेडिंग कार्य लगभग खत्म हो गए हैं जिसके जल्द ही अच्छे परिणाम सामने आएंगे। 

प्रश्न : आप अपनी तरफ से क्या संदेश देना चाहेंगे?
उत्तर : मैं तो यही कहूंगा कि जब तक फील्ड में नहीं जाएंगे तब तक कार्य का सही मूल्यांकन नहीं कर सकते। आफिस में काम करिए लेकिन इसके साथ ही फील्ड में भी उतरिए ताकि हमारा लक्ष्य शत-प्रतिशत सामने आ सके। कहां क्या जरूरत है क्या सुधार की आवश्यकता है।