दिव्य विचार: विश्वास की कमी से टूटते है रिश्ते- मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज

मुनिश्री प्रमाण सागर जी कहते हैं कि तीसरी बात एक दूसरे के प्रति विश्वास होना चाहिए। आजकल लोगों में विश्वास की कमी है। दाम्पत्य जीवन के बिखराव का सबसे बड़ा कारण है एक दूसरे के प्रति विश्वास का अभाव। उसकी भी कई वजह हैं। विश्वास की कमी के कारण एक तो यह है कि दो के बीच जब तीसरा जुड़ने लगता है तो मन में शंकाएँ आने लगती है। एक दूसरे के प्रति नकारात्मक भावनाएँ बढ़ने लगती हैं। कुशंका आती हैं और जहाँ कुशंका आएगी वहाँ प्रेम नहीं पनप पाएगा जहाँ विश्वास नहीं होगा वहां कभी प्रेम नहीं पनप पाएगा। मन में ऐसा विश्वास होना चाहिये कि मेरा पति कहीं भी चला जाए वह मेरे प्रति वफादारी कहीं नहीं छोड़ेगा। मेरी पत्नी कहीं क्यों न चली जाए मेरे प्रति सदैव वफादार बनी रहेगी। विश्वास एक दूसरे के प्रति मन में हो तो कभी खींचातानी नहीं होती लेकिन जिसके मन में शंका होती हैं। अगर वह किसी से हँसकर बात भी करता हुआ दिख जाए तो दिमाग में कीड़ा काटना शुरु हो जाता हैं। एक दूसरे को अर्थात् शक की निगाहों से देखने लगते हैं और बड़ी-बड़ी शंकाए अर्थात् एक दूसरे के प्रति ऐसा व्यवहार हो जाता हैं कि प्रेम ही खत्म हो जाता हैं। आप किसी पर शक करोगे तो ना हो तो भी दूसरों के साथ जुड़ जाएगा क्योंकि जहाँ प्रेम होता है वहाँ लोगों के पग बढ़ते हैं यह लोक कहावत है उससे अपने आप को बचाकर के चलना चाहिये। चौथी बात है समर्पण की। समर्पण एक दूसरे के प्रति गाढ़ समर्पण होना चाहिये। आजकल समर्पण भाव का बहुत अभाव दिखता हैं। समान अधिकार की भावना बढ़ती जा रही हैं अहंकार आड़े आता हैं तो समर्पण नहीं हो पाता हैं। इसके पीछे कई कारण है एक तो आजकल की लड़कियों का ज्यादा पढ़ लिख जाना। ये इगो को कराता हैं। ये जीवन की बहुत बड़ी हकीकत है हो सकता है आप लोगों को यह अच्छा नहीं लग रहा हो। महाराज कौन से जमाने की बातों में चले गये। पढ़ा लिखा होना अलग बात है लेकिन पढ़ लिख के अपने आपको ज्यादा बुद्धिमान मान लेना अपने आपको ज्यादा होशियार मान लेना ये अलग बात होती हैं।