कोरोना से बचाने गांवों में रखा जाएगा अन्य राज्यों से आने वालों का हिसाब
भोपाल | कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए अब अन्य राज्यों से गांव लौटकर आने वाले सभी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। मेडिकल जांच कराई जाएगी। यदि जांच नहीं हुई है तो इसकी सूचना पास के स्वास्थ्य केंद्र, जनपद या जिले के नोडल अधिकारी को दी जाएगी। किसी व्यक्ति को सर्दी, सूखी खांसी और तेज बुखार के लक्षण दिखाई दें तो ऐसे व्यक्ति का इलाज सुनिश्चित कराने के साथ 14 दिन अलग रहने की व्यवस्था भी बनाई जाए।
यह दिशानिर्देश पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को दिए हैं। विभाग के प्रमुख सचिव सचिन सिन्हा ने बताया कि महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में सीमावर्ती गांवों से लोग रोजगार के लिए जाते हैं। महाराष्ट्र में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा है। इसके मद्देनजर सीमावर्ती जिलों में सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। वहीं, महाराष्ट्र से यात्री वाहन के आने-जाने पर रोक लगा दी है।
चिकित्सा शिक्षा मंत्री सारंग ने देखी कोविड सेंटर की व्यवस्थाएं
चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने हमीदिया अस्पताल पहुंचकर कोविड सेंटर की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। निरीक्षण के बाद उन्होंने गांधी मेडिकल कॉलेज में उच्च स्तरीय बैठक कर तमाम व्यवस्थाओं पर चर्चा की। मंत्री सारंग ने कहा कि राज्य सरकार कोविड संक्रमण रोकने के लिए भरकस प्रयास कर रही है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति के इलाज की पूरी व्यवस्था भी सरकार द्वारा की जा रही है। बताया गया कि अभी हमीदिया अस्पताल के कोविड सेंटर में 390 बिस्तर की व्यवस्था की गई है। साथ ही 120 बिस्तर की और व्यवस्था की जा रही है।
आने वाले समय में 400 बिस्तरों की और व्यवस्था की जाएगी। अभी हमीदिया में केवल 94 मरीज भर्ती हैं। मंत्री सारंग ने सभी से अपील की है कि मास्क पहने और स्वयं की और अपने परिवार की सुरक्षा करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए व्यापक रूप से जन-जागरूकता जरूरी है। लोगों को खुद आगे बढ़कर जागरूक होना होगा। मंत्री सारंग ने बताया कि वेक्सीनेशन का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। एक अप्रैल से 45 वर्ष से अधिक आयु वर्ग का भी वेक्सीनेशन शुरू हो जाएगा।
प्रदेश में अभी तक लगभग 26 लाख डोज लगाये जा चुके है। श्री सारंग ने कहा कि डाक्टर्स और अन्य मेडिकल स्टॉफ लगातार जनसेवा के इस कार्य में लगे है। उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है। मरिजों की देख-रेख के लिये स्टॉफ एवं डॉक्टर्स की रोस्टर वाइज ड़यूटी लगाई जाये। टीम भावना के साथ डॉक्टर्स काम करें। विभाग के एच.ओ.डी. भी इस सेवा कार्य मे अपना सहयोग दें।
स्कूल, आंगनबाड़ी में रहने की रहेगी व्यवस्था
पंचायतों को यह जिम्मेदारी है कि वे यह सुनिश्चित करें कि अन्य राज्यों से गांव लौटने वाले नागरिकों की पूरी जानकारी रजिस्टर में दर्ज हो और उनकी जांच भी कराई जाए। यदि जांच नहीं हुई है तो उसकी तत्काल सूचना दें। बाहर से आए व्यक्ति के स्कूल या आंगनबाड़ी भवन में ठहरने की व्यवस्था की जाए। यहां बिस्तर, बर्तन, खाना, तौलिया, साबुन, पानी आदि का इंतजाम रहे। आवश्यक वस्तुओं (राशन, दाल, तेल, मसाले, दवा आदि) की उपलब्धता बनी रहे और इसकी लगातार निगरानी भी हो। उचित मूल्य सहित अन्य दुकानों पर शारीरिक दूरी का पालन हो, इसकी व्यवस्था बनाई जाए। हैंडपंप पर साबुन का इंतजाम रखा जाए ताकि उसके उपयोग के बाद लोग हाथ धो सकें।