जिलों की सीमा हो सकती है सील, सिर्फ रविवार को ही लगेगा लॉकडाउन
भोपाल | मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर को कंट्रोल करना चुनौती बनता जा रहा है। सरकार ने महाराष्ट्र से आने-जाने वाली बसों पर लगा प्रतिबंध 15 अप्रैल तक) बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को कहा कि जिस तरह से संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए स्कूल फिलहाल नहीं खोले जाएंगे। रंगपंचमी पर सार्वजनिक आयोजन नहीं होगा। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण से जनता को जागरूक करने के लिए 'यमराज' बनकर सड़कों पर निकलें। पिछले साल संक्रमण से लोगों को जागरूक करने के लिए इस तरह के प्रयोग किए गए थे।
कोरोना संक्रमण के मामले में तुलनात्मक रूप से देश में मध्यप्रदेश आठवें स्थान पर है। मध्यप्रदेश में कोरोना के सक्रिय प्रकरण 17 हजार 96 हैं और कोरोना संक्रमण की गत 7 दिनों की औसत पॉजिटिविटी रेट 8.9 प्रतिशत है। इंदौर के संक्रमित रोगियों में से 90 प्रतिशत घरों में ही आइसोलेशन में हैं। अस्पतालों में पर्याप्त बेडस की व्यवस्था है। इंदौर में होम आइसोलेशन व्यवस्था कारगर सिद्ध हुई है। प्रशासन पूरी तरह सजग और सतर्क है। होम आइसोलेशन में पॉजिटिव रोगियों की देख-रेख करीब 50 चिकित्सक कर रहे हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि राजगढ़ में मास्क का उपयोग न करने वालों को ओपन जेल में रखने की व्यवस्था अच्छी है, उपयोगी भी है, लेकिन ऐसे लापरवाह नागरिकों को एक-दो घंटे की सीमित अवधि तक ही रोका जाए। र्
तीन माह के लिए सरकार ने एस्मा कानून लागू किया
मध्य प्रदेश में सभी सरकारी और गैर सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं पर सरकार ने एस्मा कानून लागू दिया है। कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को 3 माह के लिए अत्यावश्यक सेवाओं के रूप में अधिसूचित किया गया है। इसकी सूचना राजपत्र में प्रकाशित की जा चुकी है। डॉ. राजौरा ने बताया है कि राजपत्र में जारी अधिसूचना अनुसार मध्यप्रदेश अत्यावश्यक सेवा संधारण तथा विच्छिन्नता निवारण अधिनियम-1979 की धारा-4 की उप धारा-1 द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार समस्त शासकीय एवं निजी स्वास्थ्य एवं चिकित्सीय संस्थानों में समस्त स्वास्थ्य सुविधाओं, डॉक्टर, नर्स और स्वास्थ्यकर्मी, स्वास्थ्य संस्थानों में स्वच्छता कार्यकर्ता, मेडिकल उपकरणों की बिक्री संधारण एवं परिवहन, दवाइयों एवं ड्रग्स की बिक्री, परिवहन एवं विनिर्माण, एम्बुलेंस सेवाएं, पानी एवं बिजली की आपूर्ति, सुरक्षा संबंधी सेवाओं, खाद्य एवं पेयजल प्रावधान एवं प्रबंधन तथा बॉयो मेडिकल वेस्ट प्रबंधन को अत्यावश्यक सेवाओं में शामिल किया गया है। स्वास्थ्य संबंधी उक्त कार्य करने से इंकार किए जाने का प्रतिषेध किया गया है।
प्रदेश के 52 में से 19 जिलों में रोजाना 20 से अधिक केस
मध्य प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर खतरनाक होती जा रही है। पिछले 24 घंटे में 2332 केस मिले हैं। यही स्थिति पिछले साल सिंतबर माह में थी। 12 शहरों में रविवार को लॉकडाउन और शेष दिनों में नाइट कर्फ्यू लगाने के बाद हर रोज पॉजिटिव केस बढ़ते जा रहे हैं। भोपाल, इंदौर और जबलपुर समेत प्रदेश के 52 में से 19 जिले ऐसे हैं, जहां हर रोज 20 से अधिक केस मिल रहे हैं। इनमें से महाराष्ट्र की सीमा से लगे शहरों में संक्रमण की रफ्तार तेज हो रही है। पिछले 24 घंटे में खरगोन (89), उज्जैन (70), बैतूल (68), ग्वालियर (55), रतलाम (54), धार (44), छिंदवाड़ा (42), सीहोर (34), शाजापुर (31), रीवा (28), खंडवा (27), झाबुआ (22) व नरसिंहपुर में (22) केस मिले हैं। पिछले 24 घंटे में 9 मरीजों की जान गई। यही वजह है, सरकार ने मरीजों के इलाज के लिए नई गाइडलाइन 20 मार्च को जारी की थी।
संक्रमितों के संपर्क में आने वालों की होगी ट्रेसिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि संक्रमित के निकटतम लोगों की पहचान संदिग्ध होने पर उन्हें आइसोलेशन व्यवस्था करना अब अनिवार्य किया जा रहा है। अगर किसी का घर छोटा है, तो उसमें आइसोलेट करने से फायदा नहीं, उसके लिए व्यवस्था बनाने पर हम विचार करेंगे। जहां ज्यादा मामले हैं, वहां टेस्टिंग भी बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही इन शहरों में 1 अप्रैल से 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीनेशन शुरू हो रहा है।