बढ़ सकती है नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की मुश्किलें

भोपाल। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राज्य सरकार ने उमंग सिंघार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की है। ये पूरा केस उमंग की पत्नी के बलात्कार वाले मामले से जुड़ा है। इसे मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था, लेकिन अब राज्य सरकार ने उमंग सिंघार को राहत देने वाले हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
दरअसल हाईकोर्ट में उमंग सिंघार के खिलाफ जो सुनवाई हुई थी, उसमें यह कहा गया था कि वो पहले से शादीशुदा हैं। उन्होंने शादी का झांसा देकर बलात्कार और अप्राकृतिक कृत्य किया, जबकि हाईकोर्ट में सिंघार की ओर से बताया गया कि वे आदिवासी समाज के हैं। तीन शादी करने की उन्हें छूट है. हाईकोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें वैवाहिक और लिव-इन-रिलेशनशिप में टकराव के बाद रेप की रिपोर्ट दर्ज करवाने की बढ़ती प्रवृत्ति पर रोक लगाने को लेकर टिप्पणी की गई थी। जस्टिस संजय द्विवेदी की कोर्ट ने इस तर्क से सहमत होते हुए माना कि सिंघार और शिकायतकर्ता महिला के बीच पति-पत्नी के रिश्ते हैं। हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में स्पष्ट रूप से कहा कि एक पत्नी पति के खिलाफ अप्राकृतिक कृत्य का प्रकरण दर्ज नहीं करा सकती। वहीं आदिवासी होने के चलते उमंग सिंघार की दूसरी शादी वैध मानी जाएगी। इसे लेकर अब राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका पर आने वाले दिनों में सुनवाई कर सकता है, हालांकि सुनवाई की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
यह था पूरा मामला
2022 में धार के नौगांव थाने में उमंग सिंघार की पत्नी ने सिंघार के खिलाफ प्रताड़ना और बलात्कार की एफआईआर दर्ज कराई थी, जिसके खिलाफ उमंग ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। 21 सितंबर 2023 को हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा था कि उमंग सिंघार पर पत्नी से दुष्कर्म का आरोप साबित नहीं हुआ. कोर्ट ने उन्हें राहत देते हुए दुष्कर्म की एफआईआर रद्द कर दी थी।