गुड्स परिवहन के लिए मालगाड़ियों की बढ़ी रफ्तार

रीवा | पश्चिम-मध्य रेलवे द्वारा बीते कुछ समय से रेल पटरियों एवं आधारभूत संरचनाओं के विकास में तेजी लाई गई है। जिसके कारण मालगाड़ियों की औसत गति बढ़ गई है। बताया जा रहा है कि पूर्व में मालगाड़ियों की औसत गति 32.40 किलोमीटर थी, जो अब बढ़कर 57.20 किलोमीटर हो गई है। जो पिछले वर्ष की अपेक्षा 76 प्रतिशत अधिक है। लिहाजा एक स्थान से दूसरे स्थान तक गुड््स परिवहन में समय की बचत हो रही है। ऐसी सूरत में व्यापारियों को जहां एक ओर राहत पहुंच रही है वहीं उनके सामान के खराब होने की भी समस्या पर काफी हद तक लगाम लगती जा रही है।

बताया जा रहा है कि रेलवे द्वारा कराए जा रहे रीवा-सतना रेल लाइन के बीच विद्युतीकरण भी एक बड़ी वजह माना जा रहा है। रेल सूत्रों की मानें तो रीवा-सतना के अलावा कटनी-सतना के बीच भी रेल विद्युतीकरण का काम पूरा हो चुका है। ऐसी स्थिति में गाड़ियों विशेषकर मालगाड़ियों की रफ्तार में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं दूसरी तरफ स्थायी गति प्रतिबंध पीएसआर को भी हटाया जाना विभाग के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है। बताया गया है कि सतना से कैमा खण्ड के बीच लाइन का दोहरीकरण करा दिया गया है जिसकी वजह से गाड़ियों के संचालन में तेजी आई है। साथ ही मालगाड़ियों को भी अनावश्यक खड़ा करने की झंझट से मुक्ति मिली है।

व्यापारियों को पहुंच रहा फायदा
वर्तमान समय पर जारी लॉक डाउन के बीच व्यापारियों के लिए एक बार फिर मालगाड़ियों के माध्यम से  गुड्स पहुंचाने के काम को पमरे द्वारा तेजी प्रदान की गई है। लिहाजा मालगाड़ियों की रफ्तार व्यापारियों के लिए फायदे का सौदा साबित हो रही है। जानकारों का कहना है कि जिन खाद्य एवं औषधि जैसी अत्यावश्यक वस्तुओं को पहुंचाने में 24 से 48 घंटे लगा करते थे, वही सामग्री अब 16 घंटे के भीतर पहुंचाने की सुविधा मिलने लगी है। ऐसे में निश्चित तौर पर अत्यावश्यक सामग्रियों के व्यापारियों को फायदा पहुंचेगा।