गन्ने ने अन्नू को बनाया चैंपियन, अब 7 को मैडल की उम्मीद
मैं नहीं चाहता था कि अन्नू कोई गेम खेले। मेरे पास इतना पैसा नहीं था कि उसे नया जैवलिन दिला सकूं। अन्नू भी ये बात जानती थी। इसलिए वो जिद नहीं करती, घर के पीछे खेत में गन्ना फेंककर प्रैक्टिस कर लेती थी। बाद में स्कूल के हेडमास्टर ने उसे बांस का जैवलिन लाकर दिया। वो खेल में आगे बढ़ने लगी, तब हमने पहला प्रोफेशनल जैवलिन खरीदा। वो 2,500 रुपए का था।'
अमरपाल जैवलिन थ्रोअर अन्नू रानी के पिता हैं। अन्नू पेरिस ओलिंपिक में 7 अगस्त को जैवलिन थ्रो का क्वालिफाइंग राउंड खेलेंगी। वे ओलिंपिक तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला जैवलिन थ्रोअर हैं। नेशनल रिकॉर्ड होल्डर हैं, 60 मीटर से ज्यादा जैवलिन थ्रो करने वाली इकलौती भारतीय महिला हैं। चार बार अपना ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ चुकी हैं। इस लिहाज से उनसे ओलिंपिक मेडल की भी उम्मीद है।
अन्नू ने 2014 के एशियन गेम्स और 2017 की एशियन चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 2019 की एशियन चैंपियनशिप में रजत और 2022 के एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। 2022 के ही कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीतना उनकी बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। 7 अगस्त को देश को अन्नू से मैडल की उम्मीद है।