कार्यकर्ताओं पर पुलिस ने लाठियां भांजीं, वॉटर कैनन चलाई, दिग्गी समेत हिरासत में 20 नेता

भोपाल | केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ मध्य प्रदेश कांग्रेस शनिवार को राजभवन का घेराव करने पहुंची। पूर्व सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता जवाहर चौराहे पर इक्ट्ठे हुए और राजभवन का घेराव करने पहुंचे। रोशनपुरा के पास ही कांग्रेसियों को रोक लिया गया। पुलिस ने लाठियां भांजी और वॉटर कैनन भी चलाई। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उनके बेटे जयवर्धन समेत 20 नेताओं को गिरफ्तार किया गया।

कमलनाथ ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हजारों किसान भाइयों और कांग्रेसजनों पर शिवराज सरकार के इशारे पर बर्बर लाठीचार्ज किया गया। प्रदर्शन में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं समेत प्रदेश के कई हिस्सों से आए कांग्रेस कार्यकर्ता बड़ी संख्या में शामिल हुए। कमलनाथ ने कहा कि मोदी सरकार किसानों को मजबूर बनाना चाहती है और नए कृषि बिलों के जरिए उन्हें बिजनेसमैनों के हवाले करना चाहती है।

ये रहे मौजूद

मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचैरी,  सचिव सुधांशु त्रिपाठी, सीपी मित्तल, कुलदीप इंदौरा, संजय कपूर, अरुण यादव, कांतिलाल भूरिया, विवेक तन्खा, सज्जन सिंह वर्मा, एनपी प्रजापति, डाक्टर गोविंद सिंह, जीतू पटवारी, रामनिवास रावत, बाला बच्चन, सुरेंद्र चैधरी, चंद्रप्रभाष शेखर, राजीव सिंह, प्रकाश जैन, नरेंद्र सलूजा, भूपेंद्र गुप्ता, मांडवी चौहान मौजूद थी।

उद्योगपतियों के हवाले खेती-किसानी

रैली रवाना होने से पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने नेता-कार्यकर्ताओं समेत किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि, मोदी सरकार किसानों को मजबूर बनाना चाहती है और खेती-किसानी इन तीन बिलों के माध्यम से उद्योगपतियों के हवाले करना चाहती है। तीसरा काला कानून जमाखोरी व कालाबाजारी को बढ़ावा देगा।

अकाल पड़ जाए तो भुखमरी न हो

कमलनाथ ने कहा कि एग्रीकल्चर प्राइस कमीशन बनी और एफसीआई की स्थापना हुई। एफसीआई समर्थन मूल्य में खरीदेगा, यह निर्णय उस समय की कांग्रेस सरकार ने लिया। हमने निर्णय लिया कि अपने देश में अनाज का एक ऐसा बफर स्टाक बनाएंगे, जिसमें कभी अकाल पड़ जाए तो भुखमरी ना हो।