फिल्म “आन” के साथ शुरू हुआ था प्रदेश में शूटिंग का सिलसिला
भोपाल। मध्यप्रदेश में फिल्मों की शूटिंग का सिलसिला 1952 में बनी फिल्म “आन” ने शुरू हुआ था। इसके बाद से अब तक लगातार फिल्मों की शूटिंग प्रदेश में कई स्थानों पर होती रही है। श्री 420, नया दौर, पीपली लाइव और आरक्षण जैसी प्रसिद्ध फिल्मों की शूटिंग प्रदेश में कई स्थानों पर हुई है।
मध्यप्रदेश में 1952 से फिल्मों की शूटिंग का सिलसिला ष्शुरू हुआ जो अब भी जारी है। भारत की पहली टेक्नीकलर फिल्म “आन” की शूटिंग राजगढ़ जिले में नरसिंहगढ़ किले में हुई थी। इसे एक साथ 28 देशों में रिलीज किया गया था। इसके बाद 1955 में राज कपूर की “श्री 420” की कुछ शूटिंग शाजापुर में हुई और 1957 में “रानी रूपमती”, 1957 में ही “नया दौर” की शूटिंग सीहोर जिले की बुधनी में हुई और 1963 में “मुझे जीने दो” फिल्म की शूटिंग चंबल क्षेत्र में हुई। वर्ष 1977 में “किनारा”, 1985 में “मैसी साहेब”, 1993 की “इन कस्टडी”, 1994 की “बैंडिट क्वीन”, 1998 की “प्यार किया तो डरना क्या”, 1999 में “हो तू-तू” और भोपाल एक्सप्रेस, 2001 में “अशोका”, 2003 में “मकबूल”, 2007 में जब वी मेट 2010 में “पीपली लाइव”, 2011 में “आरक्षण” और 2012 की सबसे प्रसिद्ध फिल्म “पान सिंह तोमर” कुछ उदाहरण हैं। इसी प्रकार वर्ष 2017 में “टॉयलेट- एक प्रेम कथा”, 2015 में “बाजीराव मस्तानी”, “गंगाजल-2”, राजनीति, स्त्री, पंगा, मोहनजोदडो और हाल में ही सीहोर में हुई “पंचायत” वेब सीरीज ने भरपूर नाम कमाया। इन फिल्मों के साथ ही मध्यप्रदेश का सौंदर्य भी लोगों के दिलों में बस गया। कई फिल्में भोपाल, रायसेन, मांडू, ओरछा, खजुराहो, पन्ना, अजयगढ़, ग्वालियर, रीवा, अमरकंटक, पातालकोट, पेंच, बांधवगढ़, कान्हा, जबलपुर, धार, ओंकारेश्वर, उज्जैन, असीरगढ़, बुरहानपुर, देवास, महेश्वर, इंदौर, पचमढ़ी, तवा, भोजपुर, सांची, भीमबेटका और इस्लामनगर (जगदीशपुर) में बनीं। प्रदेश के विभिन्न अंचलों में आये दिन फिल्मों की शूटिंग चलती रहती है।
ऑस्कर पुरस्कार के लिए भी नामित हुई है प्रदेश में बनी फिल्मे
प्रदेश के चंदेरी में शूट हुई फिल्म “स्त्री-2” ने 6 सौ करोड़ से ज्यादा का व्यवसाय कर लिया है और स्त्री-3 के लिए भी जमीन तैयार कर दी है। सीहोर के गांवों में शूट हुई और ऑस्कर पुरस्कार के लिए नामांकित फिल्म “लापता लेडीज” में मध्यप्रदेश के स्थानीय कलाकारों ने अपनी अभिनय क्षमता का लोहा मनवा लिया। इस फिल्म में सीहोर के बमूलिया, सेमली, ढबला-माता, शिकारपुर, जोशीपुर घाट, गुंजारी मंदिर, इछावर मार्केट प्रमुखता से नजर आते हैं। वर्ष 2016 में बनी विश्व प्रसिद्ध फिल्म “लॉयन” की शूटिंग इंदौर, उज्जैन, खंडवा, खरगौन, देवास और बुरहानपुर में हुई। यहां 19 दिनों की शूटिंग हुई थी। इसे ऑस्कर के लिये नामांकित किया गया था और कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिले।