पहले की तरह कम किराए के साथ फिर चलेंगी पैसेंजर ट्रेन
सतना | यदि सबकुछ ठीक रहा तो इस माह के अंत तक इटारसी -छिवकी इलाहाबाद , रीवा -जबलपुर शटल, रीवा -चिरमिरी , इटारसी-सतना-मानिकपुर डीएमयू जैसी पैसेंजर ट्रेनें ट्रैक पर दौड़ती नजर आ सकती हैं। कोरोना काल के बाद रेलवे ने पैसेंजर ट्रेनों को बंद कर दिया था । बाद में करीब 70 फीसद ट्रेनें फिर से दौड़ने लगी लेकिन इनमें पैसेंजर ट्रेनों को भी रेलवे स्पेशल एक्सप्रेस बनाकर अब तक चलाता आ रहा है। इसके कारण आम आदमी को पैसेंजर में सफर करने पर आरक्षण के साथ एक्सप्रेस का किराया चुकाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं ये ट्रेने छोटे स्टेशन पर भी नहीं रुकती हैं।
इसको लेकर लगातार मांग की जा रही थी जिसके बाद रेलवे बोर्ड ने पैसेंजर ट्रेनों को कोरोना के पूर्व के किराया के आधार पर ही चलाने का निर्णय लिया है। कम किराये के साथ दौड़ने वाली यात्री ट्रेनों को एक बार फिर से पैसेंजर ट्रेन ही बनाकर दौड़ाने के लिए रेलवे ने कवायद शुरू कर दी है। उत्तरी रेलवे में कम किराया के साथ ये ट्रेने दौड़ने भी लगी हैं। इसको लेकर रेलवे बोर्ड ने पश्चिम मध्य रेलवे को भी पत्र लिखकर ऐसी पैसेंजर ट्रेनों के बारे में जानकारी मांगी है जिनकी मांग ज्यादा हो और उसे पुराने किराये के आधार पर ही दौड़ाया जा सकता है। रेल सूत्रों का कहना है कि इस माह के अंत तक पमरे के तीनों मंडलों में भी पैसेंजर ट्रेने पुराने किराये के आधार पर ही दौड़ने लगेंगी।
किराया भी ज्यादा, स्टापेज भी नहीं
कोरोना काल के दौरान रेलवे ने सभी ट्रेनों को बंद कर दिया था। करीब ढाई महीने के बाद धीरे-धीरे इनका चलन शुरू हुआ। करीब दो माह पहले ही पैसेंजर ट्रेनों को भी चलाने का निर्णय लिया गया लेकिन कोविड-19 की गाइडलाइन को देखते हुए रेलवे ने इन पैसेंजर ट्रेनों को भी स्पेशल एक्सप्रेस बनाकर चलाना शुरू किया था ताकि लोग आरक्षित टिकट लेकर ही सफर करें। पैसेंजर ट्रेनों के एक्सप्रेस बनकर चलने से जनता को दोगुना से ज्यादा किराया चुकाना पड़ रहा था।
इतना ही नहीं छोटे स्टेशनों में इन ट्रेनों का ठहराव भी बंद कर दिया गया था। जबलपुर मंडल में छह पैसेंजर ट्रेन: पमरे के अंतर्गत आने वाले जबलपुर मंडल में छह पैसेंजर ट्रेन चलती हैं। इनसे से पांच ट्रेन अभी तक शुरू हो चुकी हैं। एक ट्रेन का चलना अभी बाकी है। ऐसा माना जा रहा है कि इन छह ट्रेनों में सबसे पहले इटारसी- प्रयागराज-छिवकी को पैसेंजर ट्रेन बनाकर चलाया जा सकता है।
यह सही है कि रेलवे बोर्ड का पत्र आया है जिसमें ऐसी पैसेंजर ट्रेनों की जानकारी मांगी गई है जिनकी मांग ज्यादा है। पैसेंजर ट्रेन को पुराने किराये के साथ दौड़ाया जा सकता है। ट्रेनों की जानकारी भेजी जा रही है। सब ठीक रहा तो माह के अंत तक पैसेंजर ट्रेन पुराने किराए के साथ शुरू हो सकती हैं।
राहुल जयपुरिया, सीपीआरओ