2 साल में 45 बना नहीं पाए, अब एक साल में 200 गौशालाओं का लक्ष्य
सतना | कभी अतिवृष्टि तो कभी अनावृष्टि की मार झेलने वाले अन्नदाता के दर्द में एक और दर्द का इजाफा हो गया है और वह दर्द है आवारा गौवंश का जो कई मर्तबा किसानों की फसल चौपट कर देता है तो शहरी क्षेत्र में यातायात के लिए बड़ा खतरा बनता है। कडकडाती ठंड मे फसलों को बचाने किसानों को रत जगा करना पड़ा है।
आवारा गौवंश से जूझ रहे किसानों को इस समस्या से निदान के लिए सरकार ने गौशाला निर्माण का प्लान तो बनाया लेकिन गौशाला निर्माण की कछुआ चाल से इस महत्वकांक्षी योजना मे ग्रहण लग रहा है। बताया जाता है कि सतना जिलें मे प्रथम चरण मे 45 गौशाला निर्माण का लक्ष्य रखा गया था लेंकिन दो साल बीतनें को है और अभी तक तय लक्ष्य पूर्ण नही हो सका है। जानकारों के अनुसार 34 गौशालाएॅ ही पूर्ण हो सकी है। वही 2020-21 मे 200 नई गौशाला बनानें का लक्ष्य मिला है।
इधर भूसे-चारे के लिए पैसे खत्म, लिखा पत्र
बताया गया कि फरवरी माह मे मुख्यमंत्री गौ सेवा योजना के तहत तैयार हो चुकी नवीन गौशालाओं में मप्र गौपालन एवं पशु धन संवर्धन बोर्ड द्वार 54 लाख का बजट दिया गया था। उल्लेखनीय है कि गौशाला में रखे जाने वाले गौवंश पर प्रतिदिन 20 रुपए खर्च किए जा रहे है जिसमें 15 रुपए में भूसा-चारा खिलाया जा रहा है, तो 5 रुपए में सुदाना पर खर्च किए जा रहे है। लेकिन अब बजट खत्म हो गया है। बताया जाता है कि जिला पंचायत ने पशुपालन विभाग के माध्मय से बोर्ड को बजट की मांग के लिए पत्र भेजा है। जिसमे 30 नवीन गौशालाओं के लिए 90 लाख की मांग की गई है।