जमानत पर छूटे सरपंच की मौत, पुलिस पर पिटाई का आरोप

सतना | जमानत पर जेल से छूटे सरपंच की तबियत बिगड़ी, सरपंच को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, इलाज के दौरान सरपंच की मौत हो गई। परिजनों ने आरोप लगाया कि पुलिस की पिटाई के कारण सरपंच की जान गई। मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया, गांव पहुंचने पर भी प्रदर्शन किया। मौके पर पहुंची पुलिस के द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया गया। 

इस संबंध में पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ताला थानान्तर्गत ग्राम पंचायत ककलपुर के सरपंच राम मिलन कोल की तबियत बिगड़ने पर परिजनो के द्वारा उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल रीवा में भर्ती कराया गया। परिजनो का कहना था कि पुलिस के द्वारा थाना के अंदर बेरहमी पूर्वक मारपीट की गई। पिटाई से आई चोटों के कारण तबियत बिगड़ी। इलाज के दौरान सरपंच की मौत हो गई। इसके बाद परिजन भड़क उठे और पुलिस पर कार्रवाई करने का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे। हालांकि वरिष्ठ अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद मामले को सुलझा लिया गया। 

मुंशी से रंगदारी मांगने पर गया था जेल 
ताला पुलिस का कहना है कि 26 फरवरी की रात मुंशी सुमन को रोक कर शराब पीने के लिए 500 रुपए की रंगदारी मांगी गई, गाली- गलौज कर हाथापाई की गई, मुंशी की शिकायत पर प्रकरण दर्ज कर आरोपी सरपंच राम मिलन कोल के अलावा अखिलेश साकेत, वीरेन्द्र द्विवेदी को गिरफ्तार कर अमरपाटन न्यायालय में पेश कर उप जेल मैहर भेजा दिया गया था। जेल दाखिल कराए जाने के पहले तीनों का मेडिकल कराया गया था। जेल में सरपंच ने टीवी की बीमारी बताई, जेल प्रबंधन के द्वारा सरपंच का इलाज कराया गया। एक मार्च को जमानत मिलने पर सरपंच जेल से बाहर आया, जमानत मिलने के बाद सरपंच कभी भी थाना आया ही नहीं। सरपंच के साथ किसी भी तरह की मारपीट नहीं हुई है। 

अस्पताल में किया मारपीट का उल्लेख 
तबियत बिगड़ने पर सरपंच को परिजन संजय गांधी अस्पताल रीवा ले गए, अस्पताल में परिजनों ने चिकित्सकों को बताया कि पुलिस की पिटाई के कारण तबियत बिगड़ी है। मौत के बाद अस्पताल पुलिस चौकी के द्वारा पीएम कार्रवाई के लिए लिखी गई तहरीर में भी पुलिस की पिटाई का भी जिक्र किया गया है। इस मामले में ताला पुलिस का कहना है कि परिजनों के आरोप बेबुनियाद हैं लेकिन ताला पुलिस के पास इस बात का जवाब नही था कि जब पुलिस की पिटाई से  तबियत बिगडने का  कारण बताकर  अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह जानकारी लगने के बावजूद सच्चाई को सामने लाने की बजाय मामले को दबाने का प्रयास आखिर किस वजह से किया गया? मामले से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत क्यों नहीं कराया गया? 

थाना जलाने की दी थी धमकी 
उधर सूत्रों ने बताया कि जमानत मिलने के बाद सरपंच राम मिलन अपने साथियों के साथ ताला थाना गया था, उसने जेल में बंद अपने साथी के भाई के पैरोल के लिए आवेदन दिया। इस दौरान सरपंच ने अपना प्रकरण रफादफा करने के लिए पुलिस पर दबाव बनाया और धमकाया कि अगर काम नही हुआ था तो थाना में आग लगा देंगे। सूत्रों की मानें तो सरपंच की धमकी से भड़के पुलिस कर्मियों ने उसकी पिटाई कर दी। उधर यह कहा जा रहा है कि सरपंच टीवी का मरीज था और वह शराब पीने का आदी था। बीमारी की वजह से सरपंच की मौत हुई है। 

टीआई लाइन अटैच, डीएसपी को सौंपी गई जांच 
ककलपुर सरपंच की मौत को लेकर उपजे विवाद के बीच पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने ताला टीआई नारायण सिंह कुम्हरे को लाइन अटैच कर दिया है। पूरे मामले की जांच डीएसपी हेड क्वार्टर प्रभा किरण किरो को सौंपी है। आरोप है कि टीआई के द्वारा प्रकरण से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत नहीं कराया गया। इस मामले में डीएसपी हेड क्वार्टर ने बताया कि पुलिस के द्वारा पिटाई करने का आरोप निराधार है। सरपंच व दो अन्य को मुंशी के साथ पैसा मागने के मामले में जेल भेजा गया था। जेल दाखिला के पहले मेडिकल कराया गया था।