पृथक विंध्य प्रदेश की बीटीआई रैली में कोरोना की भेंट चढ़ गए 50 लाख
सतना | हमें लौटा दो हमारा विंध्य प्रदेश की बीटीआई मैदान में प्रस्तावित सभा की तैयारी के लिए आयोजकों के कोरोना के कारण 50 लाख पानी में चले गए। आंदोलन से जुड़े सूत्रों के अनुसार जिले भर से लोगों को सभा स्थल आने और रैली में शामिल होने के लिए 20 लाख का पेट्रोल भरवाया गया था जो अब वापस नहीं होने वाला। बाहरी जिलों से आने वालों के लिए चार पहिया वाहनों की बुकिंग की गई थी जिस पर 5 लाख खर्च हो चुके हैं। पूरे मैदान में पंडाल लगाने पर भी 5 लाख से अधिक खर्च किए गए। उसका एडवांस दिया जा चुका है। सभा में हर तहसील, ब्लाक और गांव से लोगों को आना था। दावा किया गया है कि सरकार को भेजी गई खुफिया रिपोर्ट में भी कहा गया है कि जितने लोगों को बुलाया गया है उससे कई गुना अधिक लोगों का स्वेच्छा से आने का अनुमान है।
बदली रणनीति
आंदोलनकारियों ने कोरोना के चलते हुए लंबे नुकसान के बाद अब रणनीति बदल दी है जिसके तहत अब छोटे-छोटे गावों में ताबड़तोड़ सभाएं की जाएंगी वहां जनजागरण किया जाएगा। बड़ी सभाएं कोरोना का असर कम होने पर ठंड में होंगी। इस बीच आंदोलन के नेता बघेल और बुंदेलखंड में दौरे करते रहेंगे। इसके तहत विधायक नारायण त्रिपाठी शनिवार को पन्ना के दौरे पर हैं। जबकि बदली हुई रणनीति के तहत ही शुक्रवार को अटरा में सभा हुई।
सभा के आयोजकों ने कहा कि किसी भी बड़े आंदोलन या मुहिम को चलाने में पैसा तो खर्च होता है पर मलाल यह है कि मंच से संदेश नहीं दे पाए। अब रोजाना गांवों में 20-20 सभाएं की जाएंगी। हम सरकार तक या बात पहुंचाने में सफल रहे हैं कि हमें लौटा दो हमारा विंध्य प्रदेश जनभावनाओं से जुड़ा ऐस मुद है जिसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती। दावा किया गया है कि इस पर लड़ाई आगामी 3 साल तक जारी रहेगी। विंध्य का विधानसभा चुनाव इसी पर लड़ा जाएगा।
पीछे हटने का सवाल ही नहीं
सरकारी दबाव या अन्य विपरीत हालातों में आंदोलन के प्रभावित होने या पीछे हटने के सवाल पर कहा गया है कि यह संभव ही नहीं है। लड़ाई एक सक्षम नेता द्वारा छेड़ी गई है और वही उसकी अगुवाई कर रहे हंै। इससे भी बड़ी बात यह है कि मुहिम को विंध्य के अपार जनसमूह का समर्थन प्राप्त है जिसमें प्रत्येक वर्ग शामिल है। वही हमारी ताकत है।