जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत, कमलनाथ ने जांच के लिए बनाई विधायकों की समिति
भोपाल | उज्जैन, मुरैना के बाद अब भिंड के लहार में जहरीली शराब से 5 लोगों की मौत के मामले ने सियासी रंग ले लिया है। पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने विधायकों का जांच दल गठित किया है, जो मौके पर जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट पीसीसी को सौंपेगा। पीसीसी चीफ और पूर्व सीएम कमलनाथ ने भिंड में जहरीली शराब से मौत के मामले में विधायकों का जांच दल गठित किया है। जांच दल में पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह, लाखन सिंह, रामनिवास रावत, अशोक सिंह और प्रवीण पाठक को शामिल किया गया है।
सरकार पर निशाना
कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा जहरीली शराब से मौतों का सिलसिला जारी है। प्रदेश में शराब माफिया बेखौफ हैं। उज्जैन मुरैना के बाद भिंड में जहरीली शराब पीने से 5 लोगों की मौत सिस्टम पर सवालिया निशान लगाता है। उज्जैन मुरैना शराब कांड के बाद प्रदेश में शराब माफिया को लेकर सरकार के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। बीते 1 साल में प्रदेश में जहरीली शराब से मरने वालों का यह पांचवां मामला है। प्रदेश में अब तक 50 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है। उन्होंने सरकार पर दिखावटी कार्रवाई करने का आरोप लगाया।
पुलिस पर मिलीभगत का आरोप
पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता और लहार विधायक डॉक्टर गोविंद सिंह ने कहा पुलिस की मिलीभगत से जहरीली शराब की बिक्री हो रही है। उन्होंने मृतकों के परिवार को 10 लाख की मदद देने और अवैध शराब की बिक्री रोकने में लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। एमपी यूपी से लगे गांव में जहरीली शराब का यह पूरा मामला है।
गुपचुप तरीके से नगरीय निकायों में टैक्स बढ़ाने का लगाया आरोप
कमलनाथ ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश सरकार कोरोनाकाल की आपदा को भी अवसर के रूप में लेने का काम कर रही है। सरकार ने गुपचुप तरीके से 1 अप्रैल से नगरीय निकायों में लगने वाले विभिन्न करों में वृद्धि कर दी है। वहीं जहरीली शराब से मरने वालों का सिलसिला अब तक जारी है। उन्होंने कहा है कि कोरोना महामारी में जनता पहले से ही आर्थिक मंदी, बेरोजगारी से जूझ रही है, व्यापार-व्यवसाय चौपट हो चुके हैं, नौकरियां जा चुकी हैं और ऐसे भीषण संकटकाल में भी राज्य सरकार जनता को राहत प्रदान करने की बजाय उन पर करों का भारी बोझ लादने का तानाशाही भरा काम कर रही है।