योग जीवन में उत्साह, उमंग और सकारात्मकता का स्त्रोत: इन्दर सिंह परमार
भोपाल | स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इन्दर सिंह परमार ने कहा कि योग जीवन में उत्साह, उमंग ओर सकारात्मकता का स्रोत है। यह भारत की प्राचीन विधा है जो शरीर, मन, बुद्धि और ज्ञान को जोड़ती है। परमार ने एलएनसीटी कॉलेज में आॅनलाइन योगा कंपटीशन के समापन और पुरस्कार वितरण समारोह में यह बात कही।
परमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की योग विधा को दुनिया में स्थान दिलाने के लिए संवाद कायम किया। उनके प्रयासों से आज योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। यह हमारे लिए गर्व की बात है। हमारे देश में कोरोना के कारण पूरा जनजीवन प्रभावित हुआ। वायरस के प्रकोप से जब पूरा देश तनाव में था, विचलित था तब इस कठिन परिस्थिति के दौर में देश ने जिस अनुशासन और धैर्य के साथ लॉक डाउन का पालन किया यह प्रशंसनीय है।
भारत की प्राचीन परंपरा योग को इस कोरोना काल में देश और दुनिया के आमजनों ने स्वीकार किया। दुनिया में जब लोग जीना नहीं जानते थे तब भारत सभ्यता से जीवन जीता था। योग हमारी पुरातन सभ्यता का अभिन्न हिस्सा रहा है। इस आॅनलाइन योगा कंपटीशन से लोगों के मन में योग के प्रति उत्साह उत्पन्न हुआ है। हम सभी को योग के माध्यम से स्वस्थ रहते हुए अपने राष्ट्र को पुन: विश्व गुरु बनाना है और आत्म निर्भर भारत के मंत्र को साकार करना है।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सेंट रफाल स्कूल के श्री सिंचल नागर, द्वितीय स्थान सेंट जॉर्ज स्कूल के अर्पित सिंह तोमर और तृतीय स्थान सागर पब्लिक स्कूल के कार्तिक अग्रवाल ने प्राप्त किया। परमार ने इन तीनों विजेताओं को ट्रॉफी और कैश प्राइज से सम्मानित किया।
परमार ने योग प्रशिक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए योग प्रशिक्षक राम किशोर केलकर और राहिल खान को सम्मानित किया। आठ प्रतिभागियों को सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए। कार्यक्रम में पूजा शुक्ला और ऋषिका वर्मा ने सूर्य नमस्कार, योग आसनों एवं विधाओं की मनमोहक प्रस्तुति दी। अध्यक्ष योग एसोसिएशन भोपाल श्री सी जे जॉयसन ने कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।