जोर का झटका धीरे से... और खत्म हो गई रसोई गैस की सब्सिडी

सतना | यदि आप सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिये है। केन्द्र सरकार ने कोरोना कॉल के बहाने आपको रसोई गैस में मिलने वाला अनुदान लगभग समाप्त ही कर दिया है। अभी इसे बताया नहीं जा रहा पर जिस तरह से खाते में सब्सिडी की राशि आ रही है उससे तो साफ है कि सरकार ने चुपके से उपभोक्ता को गैस में दी जाने वाली सब्सिडी पर कैंची चला दी है।

सरकार के इस खेल को इस तरह समझिये कि मई माह में सब्सिडी और गैर सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमतें  603 रुपये होने के बाद जून में जब कीमतें 621 और अब 720 हुई तब भी आपके खाते में 4-5 रुपये ही आ रहे हैं। सही तो यह है कि कोरोना कॉल में राहत देने के स्थान पर सरकार ने आपकी जेब में 200 रुपये के करीब का बोझ लाद दिया है।

ऐसे घटती गई सब्सिडी
आॅयल मार्केटिंग कम्पनियां अब हर माह रसोई गैस की कीमतें तय कर रही हैं। यह गैस सिलेंडर अनुदान पाने और गैर अनुदान वाले दोनों तरह के गैस उपभोक्ता अपनी एजेंसी से एक ही रेट में खरीदतें हैं। बाद में सब्सिडी वाले सिलेण्डर की जो कीमत है उसको एजेंसी में उपभोक्ता द्वारा चुकाई गई राशि को घटाकर शेष राशि खाते में वापस होती है। जुलाई 2019 को यहां सामान्य घरेलू रसोई गैस की कीमत 662 रुपये थी और सब्सिडी वाला सिलेण्डर 520 रुपये के करीब। उस समय 140 रुपये के करीब सब्सिडी खाते में आती थी।

सूत्रों का कहना है कि जुलाई 2019 से जुलाई 2020 के बीच सरकार ने जब-जब सिलेण्डर की कीमतें कम कीं तब-तब अघोषित रूप से सब्सिडी वाले सिलेण्डर की कीमते बढ़ती गई। मई 2020 में कोरोना काल में राहत देने के नाम पर सरकार ने सामान्य उपभोक्ता का सिलेण्डर 603 रुपये कर के बड़ी राहत तो दी पर सब्सिडी पाने वाले ग्राहकों की सब्सिडी ही समाप्त कर दी। सब्सिडी वाला सिलेण्डर भी 603 रुपये में पहुंच गया और सब्सिडी आनी रुक गई। जून में कीमतें 20 रुपये बढ़ीं सब्सिडी 5 रुपये आई। इसके बाद से लेकर नवंबर तक सिलेण्डेर 621 रुपये का बिकता रहा और खाते में 4-5 रुपये आते रहे। अब जबकि कीमतें दो बार में 100 रुपये बढ़ गई हैं तब भी खाते में 4-5 रुपये ही आ रहे हैं। 

डेढ़ दो साल पहले जब रसोई गैस की कीमतें 7 सौ के करीब होती थीं तब खाते में डेढ़ से पौने दो सौ रुपये तक आते थे। जुलाई से दिसंबर तक कीमतें बढ़कर 720 पहुंच गईं पर सब्सिडी के रूप में अभी भी खाते में 4-5 रुपये ही आ रहे थे।  
अभय सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी कोरोमंडल

पिछले माह तक खाते में 4-5 रुपये गैस भराने पर आ रहे थे। नये रेट में नहीं भराया। हां साल डेढ़ साल पहले इतने रेट पर जो अनुदान राशि खाते में आते थी उसमें 80 से 100 रुपये तक कम हुए हैं।
ऋषि अग्रवाल, महामंत्री विन्ध्य चेम्बर

सरकार ने अनुदान समाप्त करने की दिशा कदम बढ़ा दिये हैं। हां इसके लिये वह तरीका अपनाया जा रहा जिससे कीमतें बढ़ती रहें, उपभोक्ता का ध्यान न जाये और विरोध न करे। उदहरण पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के रूप में सामने है।
पवन चमड़िया, युवा व्यवसायी

यह सही है कि जुलाई से अब तक रसोई गैस के सिलेण्डर की कीमतें तीन बार बढ़कर 720 हुई है पर अभी भी सबसिडी 5 रुपये ही मिल रही है। यह काम मंत्रालय के सर्वर से आटोमैटिक होता है। इसमें हम कुछ नहीं कह सकते।
वीरेन्द्र सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी इंडियन आयल