अजब-गजब मौसम: पहाड़ों में बर्फबारी, विध्य से ठंड गायब

सतना | दिसंबर के आखिरी और जनवरी के पहले पखवाड़े का समय सर्वाधिक ठंड वाला होता है। इस दौरान पारा लगातार दो से 6 डिग्री के बीच दर्ज होता है। इसके बाद भी विंन्ध्य अंचल ही नहीं प्रदेश के अन्य उन इलाकों में भी अपेक्षाकृत ठंड नहीं पड़ रही, जहां दिसंबर, जनवरी में पारा दो डिग्री सेल्सियस से नीचे तक चला जाता था। मौसम के बदले हुए मिजाज से मौसम विज्ञानी भी चकित हैं। उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में लगातार एक के बाद एक विक्षोभ पहुंच रहे हैं। पहाड़ों में लगभग एक माह से बर्फबारी हो रही है पर अंचल के लोग 14 से 18 डिग्री तापमान के बीच राते बिता रहे हैं। कृषि के जानकार इस तरह के मौसम को फसलों के लिये प्रतिकूल बता रहे हैं।

प्रति चक्रवातों ने बिगाड़ा माहौल
मौसम विज्ञानी मौसम के इस बदलाव का प्रमुख कारण इस बार उत्तर भारत में लगातार पश्चिमी विक्षोभ का आना बता रहे हैं। पश्चिमी विक्षोभ के असर से इस वर्ष बर्फबारी तो लगातार हो रही है, लेकिन एक के बाद एक कर आ रहे पश्चिमी विक्षोभ के कारण हवा का रुख उत्तरी नहीं हो पा रहा। इस वजह से अंचल में अपेक्षाकृत ठंड नहीं पड़ रही है। जानकार बताते हैं कि दिसंबर माह में सात पश्चिमी विक्षोभ आए जबकि जनवरी माह के सात दिनों में तीन पश्चिमी विक्षोभ आ चुके हैं। बर्फबारी तो हो रही है पर  विक्षोभ के प्रभाव से प्रेरित चक्रवात, प्रति चक्रवात, ट्रफ भी बन रहे हैं। इस वजह से हवाओं का रुख उत्तरी नहीं हो पा रहा। इस वजह से अपेक्षाकृत ठंड नहीं पड़ रही है।

फसलों पर कीट-व्याधि का खतरा
मौसम की इस चाल को कृषि वैज्ञानिक रबी की फसलों के लिये प्रतिकूल मान रहे हैं। स्थानीय उप संचालक कार्यालय में पदस्थ सहायक संचालक जयराम प्रसाद मिश्रा का मानना है कि यदि तापमान की चाल ऐसी ही रही तो अरहर और अन्य फसलों पर इल्लियों के आक्रमण का खतरा तो है ही साथ ही तापमान वृद्धि से पौधों का ग्रोथ थम जाएगा और फलन-फूलन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसका प्रभाव उत्पादन पर भी पड़ेगा।