उड़द की खेती: लक्ष्य तो आए पर नहीं मिले बीज
सतना | खेती को लाभ का धंधा बनाने किसानों के अतिरिक्त लाभ के लिये गर्मियों में उड़द और मूंग की खेती के लिये बनाई गई योजना सतना जिले में अधूरी ही रह जाने वाली है। कृषि विभाग 4340 हेक्टेयर में मंूग की खेती का लक्ष्य लेकर चल रहा है और दो योजनाएं के तहत बीज भी आ गये हैं पर 500 हेक्टेयर खेती का लक्ष्य होने के बाद भी उड़द के बीजों की व्यवस्था नहीं हो सकी। बताते हैं कि विभाग तो तैयार है पर बीज उपलब्ध कराने वाली एजेंसी राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) और कृषि विभाग के बीच बीज उपलब्ध कराने के स्थान का विवाद किसानों के हितपालन में आड़े आ रहा है। बहरहाल विभाग के अनुदान का लाभ किसानों को नहीं मिलेगा। यदि कोई उड़द की खेती करना ही चाहता है तो वह बाजार से बीज खरीद सकता है।
पर्याप्त मात्रा में मूंग बीज उपलब्ध
विभागीय सूत्रों का कहना है कि जिले में उड़द-मूंग की ग्रीष्मकालीन खेती में किसानों का भारी रुझान है पर सिंचाई के अपर्याप्त संसाधन और ऐरा पृथा आड़े आ रहे हैं। जिले में मौजूदा समय मुख्यत: बाणसागर केनाल से पानी की सुविधा वाले स्थानों में किसान ग्रीष्मकालीन खेती कर रहे हैं। कृषि विभाग की ओर से राष्ट्रीय खाद सुरक्षा मिशन दलहन के तहत 2 हजार तथा बीज ग्राम योजना के तहत 2340 हेक्टेयर रकबे में मूंग की खेती कराने की योजना बनाये हुए है। इन दोनों योजनाओं में 9 हजार के करीब किसानों को लाभानिवत किया जाना है। किसानों का चयन कर बीज भी बांटा जा रहा है। इस बार 500 हेक्टेयर में इन दोनों योजनाओं के जरिये उड़द की खेती का लक्ष्य रखा गया था पर सतना क्या पूरे प्रदेश में बीज ही उपलब्ध नहीं कराया गया।
यहां फंसी पेंच
सूत्रों का कहना है कि कृषि विभाग को मुख्यरूप से मध्यप्रदेश बीज निगम और राष्ट्रीय बीज निगम (एनएससी) के माध्यम से उड़द व मूंग के बीज मिलते हैं। बताते हैं कि प्रदेश के बीज निगम ने तो प्रदेश के सभी जिलों में विभाग की मांग के अनुसार बीज दे दिया है पर एनएससी ने विभाग द्वारा बताये गये स्थानों पर बीज देने से मना कर दिया। एनएससी दूसरे राज्यों से बीज मंगाता है और उसने जिला मुख्यालय तक बीज भेजने की बात की जबकि विभाग का कहना था कि यह व्यवस्था ब्लाक मुख्यालय तक हो। विभाग की समस्या बीज भेजने के लिये होने वाले खर्च के लिये बजट का न होना है। इस समस्या से प्रदेश के आला अधिकारी ही नहीं सरकार के मंत्रियों तक को जानकारी है पर किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया लिहाजा योजना आगे नहीं बढ़ पाई।
दो योजनाओं के माध्यम से 4340 हेक्टेयर क्षेत्र में मूंग की ग्रीष्मकालीन खेतीकराने का लक्ष्य रखा गया है। इससे 9 हजार से अधिक किसान लाभान्वित होंगे। बीज वितरण जारी है। उड़द के लिये भी 500 हेक्टेयर का लक्ष्य था पर बीज नहीं मिल पाया।
बहोरीलाल कुरील, उप संचालक कृषि