मेडिकल स्टोर के लाइसेंस पर चला रहे क्लीनिक
रीवा | मेडिकल स्टोर के नियम टूट रहे हैं और ड्रग इंस्पेक्टर हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। लाइसेंस मेडिकल स्टोर का ले रखे हैं और उसी में क्लीनिक भी संचालित कर रहे हैं। जो नियम के विपरीत है। मेडिकल स्टोर संचालित करने के लिए दुकान का एरिया फिक्स रहता है। जिस पर कई दुकानदार खरे नहीं उतर रहे हैं। सिर्फ लाइसेंस लेने के दौरान ही कागजों में इसकी खानापूर्ति की जाती है। ड्रंग एंड कास्मेटिक एक्ट का उल्लंघन कर रही दो दर्जन से अधिक मेडिकल स्टोर ड्रग इंस्पेक्टर की सह पर चल रहे हैं।
ड्रग विभाग की लापरवाही और काम में अनियमितता का ही नतीजा है कि मेडिकल स्टोर्स में भर्रेशाही व्याप्त है। शहर में सैकड़ों की संख्या में औषधी विभाग लाइसेंस जारी कर देता है। मौके का मुआयना तक नहीं करता। ऐसे में कई लाइसेंस दुकानें नियमों पर खरी तक नहीं उतरती। फिर भी धड़ल्ले से चल रही है। इनकी आड़ में स्टोर कम और क्लीनिकें ज्यादा संचालित की जा रही है। जबकि नियम के अनुसार जिस दुकान का लाइसेंस लिया गया है। सिर्फ वहीं संचालित की जा सकती है।
इन दुकानों में है कुछ ऐसा ही हाल
नियम विरुद्ध संचालित दवा दुकानों में सिरमौर चौराहे के पास संचालित डा. कल्पना शुक्ला की क्लीनिक के बगल का मेडिकल स्टोर, डा. नीरव दीक्षित क्लीनिक में संचालित मेडिकल स्टोर, सुनील मेडिकल स्टोर सहित कई और भी दुकानें हैं। जो 10 बाई 12 वर्गफीट की दुकान के नियम का पालन नहीं करती। सभी मेडिकल स्टोर में वर्तमान स्थिति नियम के विरुद्ध चल रही है।
बाढ़ सी आ गई है
शहर में इस तरह की व्यवस्थाओं की बाढ़ सी आ गई है। स्टोर संचालक ड्रग विभाग से सिर्फ मेडिकल स्टोर का ही लाइसेंस लेते हैं, लेकिन बाद में मेडिकल स्टोर दुकान में नाम मात्र की ही रह जाती हैं और इसकी जगह क्लीनिक संचालित हो रही हैं। मेडिकल स्टोर कम क्लीनिक की शहर में बाढ़ सी आ गई है। सिरमौर चौराहा में सबसे अधिक इस तरह की दुकानें देखने में मिल जाती है। इसके अलावा नर्सिंग होम व अस्पतालों में संचालित दवा दुकानों का भी कुछ ऐसा ही हाल है। नियम विरुद्ध चल रही दुकानों के खिलाफ आज तक किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं हो पाई है।