दमोह उपचुनाव: भाजपा से राहुल लोधी और कांग्रेस से अजय टंडन हो सकते आमने-सामने
भोपाल | दमोह विधानसभा सीट पर उपचुनाव में बीजेपी उम्मीदवार राहुल लोधी को कांग्रेस उम्मीदवार अजय टंडन टक्कर दे सकते है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस एक-दो दिन में अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर देगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक दमोह सीट को लेकर तैयार पैनल में 2 नामों को शामिल किया गया था। पहला नाम अजय टंडन और दूसरा नाम मनु मिश्रा का था, लेकिन, चर्चा है कि पार्टी ने अजय टंडन को अपना उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक एआईसीसी की मोहर के बाद टंडन को उम्मीदवार घोषित किया जा सकता है।
2018 से पहले के दो विधानसभा चुनाव में अजय टंडन कांग्रेस के उम्मीदवार थे, लेकिन बीजेपी के उम्मीदवार जयंत मलैया से चुनाव हार गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि कमलनाथ 25 मार्च को दमोह जाएंगे,उससे पहले टंडन का नाम घोषित कर दिया जाएगा। हालांकि उम्मीदवार का नाम हाईकमान ही घोषित करेगा। बीजेपी के राहुल लोधी वर्तमान में मध्य प्रदेश सिविल सप्लाई कारपोरेशन के अध्यक्ष भी हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी प्राप्त है। बावजूद इसके उन्हें जितनी चुनौती कांग्रेस के अजय टंडन से मिलेगी, उससे कहीं ज्यादा भितरघात से नुकसान होने की संभावना है। इसकी वजह दमोह से 7 बार के विधायक एवं पूर्व मंत्री जयंत मलैया का विरोध है। हलांकि मलैया अभी तक खुलकर सामने नहीं आए हैं।
पूर्व मंत्री जयंत मलैया पर सभी दलों की निगाहे
जानकारों का मानना है कि मलैया की नाराजगी के चलते टंडन को फायदा मिलेगा। क्योंकि जब से राहुल ने कांग्रेस से बगावत कर बीजेपी का दामन थामा है, मलैया ने उनके किसी भी कार्यक्रम में मंच सांझा नहीं किया है। ऐसे में सबसे बड़ा खतरा पूर्व वित्त मंत्री मलैया बने हैं। वे खुद पर्दे के पीछे हैं, लेकिन बेटे सिद्धार्थ को आगे कर दिया है। अब यह देखना अभी बाकी है कि मलैया रहुल का खेल बिगाड़ेंगे या फिर टंडन को फायदा पहुंचाएंगे? बता दें कि दमोह सीट के लिए 17 अप्रैल को वोटिंग होगी। जबकि परिणाम 2 मई को घोषित होंगे। ऐसे में दोनों दलों के उम्मीवारों के लिए प्रचार करने का अब एक माह का समय भी नहीं बचा है। वर्ष 2018 में राहुल सिंह ने ही मलैया को शिकस्त दी थी।
रामबाई की नाराजगी भी पड़ सकती है भारी
दमोह से लगे पथरिया से बीएसपी विधायक रामबाई के पति गोविंद सिंह परिहार के खिलाफ चल रही गिरफ्तारी कार्रवाई का असर भी इस चुनाव में देखने को मिल सकता है’ विधायक रामबाई सरकार से नाराज बताई जा रही है ’ सरकार की ओर से उन्हें मदद नहीं मिल रही है ’ अब देखना यह है कि राहुल लोधी अपना विजय अभियान जारी रखते हैं या फिर अजय टंडन इस बार मैदान मारने में सफल होते हैं’ 6 बार बीजेपी, 7 बार कांग्रेस को मिली यह सीट विधानसभा सीट के इतिहास पर गौर करें तो पता चलता है कि 15 चुनाव में 6 बार बीजेपी के जयंत मलैया जीते हैं।
तो वहीं दूसरी ओर 7 बार कांग्रेस का उम्मीदवार और 2 बार निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। राहुल लोधी ही एक मात्र ऐसे उम्मीदवार रहे हैं जो पिछड़े वर्ग से होते हुए यहां जीत पाए हैं। इससे पहले कांग्रेस की ओर से बहुसंख्यक ब्राह्मण नेताओं ने जीत दर्ज की। इनमें प्रभुनारायण टंडन, चंद्र नारायण टंडन और मुकेश नायक के नाम प्रमुख हैं।