सोसायटियों में यूरिया नहीं, सतना तक भटक रहे किसान
सतना। धूप निकल आई है और वातावरण भी शुक हो गया है फिर भी जिले में यूरिया लेने वाले किसानों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही। दिलचस्प बात यह है कि सरकारी आंकड़ों में जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। मार्कफेड से लेकर निजी व्यापारियों की गोदाम भी भरे हुए हैं बावजूद इसके किसानों का भटकना थम नहीं रहा।
सूत्रों का कहना है कि जिले में चालू माह के इन 23 जिनों में यूरिया लोड एक के बाद एक रैक पहुंची हैं। अभी 25 अथवा 26 दिसबंर को भी एक रैक इफ्को की यूरिया लेकर आ रही है। 32 सौ एमटी वाली इस यूरिया से मार्कफेड को सतना व पन्ना के लिये 23 सौ एमटी के करीब यूरिया मिलने वाली है। हालांकि अभी गेहूं की फसलों में एक या दो चरणों की टॉप ड्रेसिंग हो चुकी है। काफी किसान तो तीसरी टॉप ड्रेसिंग के लिये भी यूरिया की व्यवस्था करने में जुट गये हैं। हालांकि कि किसान को 21 से 25 दिन के पहले दोबारा यूरिया न देने के भी निर्देश हैं।
इन क्षेत्रों की समितियों की रुचि नहीं
कृषि विभाग के सूत्रों की माने तो जब भी धान का उपार्जन शुरू हो जाता है जिले की लगभग सभी सेवा सहकारी समितियां खाद के उठाव को लेकर लापरवाह हो जाती हैं। इस मामले में जिला सहकारी बैंक के आला अधिकारियों की भूमिका भी काफी लापरवाह पूर्ण मानी जाती है। बताते हैं कि मौजूदा समय रामपुर बाघेलान, रामनगर, अमरपाटन तथा मैहर को छोड़ अन्य ब्लाकों की सहकारी बैंक शाखाओं के अंतर्गत आने वाली समितियों में खाद वितरण की स्थिति काफी लचर है। खासकर कोठी शाखा वाली समितियों द्वारा तो पिछले साल के मुकाबले खाद का उठाव नहीं के बराबर किया गया है। इस समय तो उनके पास खाद न उटाने के लिये सबसे बड़ा बहाना धान उपार्जन ही है। अधिकारियों द्वारा इस मामले की जानकारी कलेक्टर अजय कटेसरिया को भी दे दी गई है।
इस समय जिले में यूरिया का पर्याप्त भण्डारण है फिर भी किसानों की भीड़ घटने का नाम नहीं ले रही। इसका सबसे बड़ा कारण गांव की समितियों से किसानों को खाद का न मिलना है। हमने कलेक्टर को किसान की इस परेशानी से अवगत करा दिया है।
बहोरीलाल कुरील, उप संचालक कृषि
चालू माह में अब तक 5 रैक यूरिया सतना पहुंच चुकी है जबकि एक रैक 2 दिन बाद फिर आने वाली है। हमारे सभी डबललाक केन्द्रों से वितरण जारी है। अब तो काफी किसान ऐसे भी पहुंच रहे हैं जो 10-12 दिन पहले ही खाद ले गये हैं।
नारेन्द्र प्रताप सिंह, जिला प्रबंधक मार्कफेड