अब सतना में भी होने लगी बिजली बकायादारों के बैंक खातों की पड़ताल

सतना | बिजली का उपयोग कर उसका बिल देने में हीला हवाली करने वालों की अब खैर नहीं है। बिल दें न दें उनकी जमा पूंजी से पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी के अधिकारी अपना पैसा वसूल लेंगे। बकायादारों के लिए मुसीबत ही है कि अब उनके बैंक खातों की पड़ताल शुरु हो गई है सतना में बिजली बिल के देनदारों की एक लंबी सूची बनी है और अब ये जानकारी जुटाने में अफसर लगे हैं कि किस कर्जदार का खाता कौन से बैंक में है। दरअसल बैंक खातों को सीज कर बिलों की वसूली की जानी है और मार्च में टारगेट पूरा करने के लिए कंपनी ये अवसर खोना नहीं चाहती है लिहाजा बैंकों से जानकारी  जुटाने का काम चल रहा है। मार्च है और इस महीने सतना सर्किल को 53 करोड़ की बड़ी रकम कंपनी कोष में जमा करानी है इसके लिए जेई से लेकर मुख्य अभियंता तक की नजर बकायादारों के साथ उनकी जमा पूंजी पर है।

आईपी कनेक्शनों पर पहली नजर
कंपनी के प्रबंध संचालक के बाद एसई ने दो दिनों पहले ही कह दिया कि मार्च है किसी को छोड़ना नहीं है और बकायादार कोई रिस्तेदार नहीं है कार्रवाई सबके खिलाफ करना है। वहीं बिजली बिल तो सब से वसूलना है पर इन दिनों इंडस्ट्रियल पॉवर के कनेक्शनों का उपयोग करने के बाद बिल न देने वालों पर कंपनी की खास नजर है। दरअसल इन कनेक्शनों में बिल ज्यादा होता है और बकायादर भी बड़े होते हैं लिहाजा इनके खातों को सीजकर बिल की रिकवरी करने की तैयारी पूरी है। हालांकि बताया जा रहा है कि तहरीबन 24 बकायाद और खातेदारों को चिन्हित किया गया है जिनके खाते सीजकर पैसा वसूलना है। आइपी के कनेक्शन इसलिए टारगेट में हैं कि उनकी तादात सतना सिटी के साथ सर्किल के चारों ग्रामीण डिवीजनों मे ज्यादा है। 

बैंको को लिखे जा रहे पत्र
पूर्व क्षेत्र विद्युत कंपनी के अधिकारी सभी बैंको के प्रबंधको को पत्राचार कर बिजली बकायादारों के खातों में कितनी राशि जमा है इसकी जानकारी तो जुटानी ही है साथ ही देनदारों के खातों से नकदी आहरण पर रोक लगाने की बात भी पत्राचार में किया जा रहा है। हालांकि खाते से खातेदार को अपने पैसे निकालने से भला बैंक कैसे रोक सकता है पर सरकारी धन के कर्जदारों के लिए शासन कुछ भी कर सकता है। क्योंकि पैसे तो वहीं लेने हैं जिसके उपभोक्ता देनदार हैं। बिजली विभाग बकाया राशि वसूलने के लिए कुर्की के साथ बैंक खातों को सींज करने में पूरी तरह से जुटा है। इस प्रक्रिया में बिजली कर्मी बकाया भुगतान तक बैंक से लेनेदेन पर रोक लगाने की बात कह तो रहे हैं पर सूत्र बताते हैं कि  बैंक उनकी इस बात को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। पर कुछ बैंक हैं जो इस पर अमल शुरू कर दिया है।

कुर्क करना है मकान-दुकान
शासन के निर्देश पर विभाग ने बकाया बिल की राशि उपभोक्ताओं से वसूल करने के लिए संपत्ति कुर्क करने की प्रक्रिया तो पहले से ही जारी है बीच में कुछ विवादों के कारण बंद हो गई थी जो एक बार फिर कुर्की की कार्रवाई शुरू की हुई है। इसके तहत उपभोक्ता के घर मिलने वाली किसी भी सामग्री को बिजली अमला जब्तकर अपनी राशि वसूलने का दबाव बना रहा है। शहरी क्षेत्र हो चाहे ग्रामीण चल संपत्ति के साथ मकान- दुकानों और परिसर को सील किया जा रहा है। ट्रैक्टर से लेकर मोटर साइकिल तक जब्त किया जा रहा है।

रख रखाव करना भी समस्या
बिजली कंपनी अमले को बकायादार की संपत्ति जब्त करने में ज्यादा दिक्कत आ रही है। दरअसल  जब्त सामग्री का रखरखाव करना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीण इलाकों से ट्रैक्टर, ट्रॉली, पंप, मोटर साइकिल या अन्य सामान लाना उसे रखना कठिन हो रहा है। जब्ती से पहले पंचनामा तैयार करना और सुरक्षित ठिकाने तक रखवा कर उसकी सुरक्षा करना है। इसमें कम अमला होने से  कर्मचारी परेशान हो जाते हैं। एक ही गांव में दिन बीत जाता है। ऐसे में बैंक खातों को सीज करना आसान हो रहा है। इसके लिए उपभोक्ता के किस बैंक में खाते हैं इसकी जानकारी ली जा रही है।

शासन के निर्देश के अनुसार बकायादारों के खातों की जानकारी जुटाने का काम चल रहा है और कुर्की भी जारी है। बिजली बिल न देने वालों को किसी भी प्रकार से नहीं छोड़ा जाएगा बैंक खाता सीज करना हो चाहे संपत्ति जब्त कर सरकारी पैसा है वसूल करने के निर्देश हैं।
केके सोनवाने, एसई सतना