डीआरएम ने जांची स्टेशन बिल्डिंग, लांग हॉल लाइन का भी किया मुआयना

सतना | जबलपुर मंडल के डीआरएम ने सतना जंक्शन पहुंचकर यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लेने के साथ सतना-मानिकपुर रेलखंड में बन रही लांग हाल लाइन का निरीक्षण किया । इस दौरान सीनियर डीईएन को संजय यादव, सीनियर डीई विकास त्रिपाठी, सिग्नल इंजीनियर एके जैन , सीनियर डीओएम, सीनियर डीएसटी,, डीईएन के अलावा स्थानीय अधिकारी मौजूद रहे। 

शटल से आए फिर किया टावर बैगन का सफर 
जबलपुर मंडल के डीआरएम संजय विश्वास गुरूवार को दोपहर तकरीबन सवा 11 बजे जबलपुर-रीवा शटल से जुड़े आरए कोच में सवार होर मंडल अधिकारियों के साथ सतना जंक्शन पहुंचे जहां स्टेशन प्रबंधक एसके मिश्रा ने आगवानी की। सतना जंक्शन से टावर बैगन में सवार होकर डीआरएम मंडल अधिकारियों के साथ सबसे पहले बांसा पहाड़ पहुंचे जहां इन दिनों स्टेशन बिल्डिंग का निर्माण चल रहा है। डीआरएम ने स्टेशन बिल्डिंग का अवलोकन करते हुए कुछ आवश्यक सुधार के निर्देश दिए। हालांकि निर्माण कार्य पर उन्होने संतोष जताया।

स्टेशन बिल्डिंग का निरीक्षण करने के पश्चात डीआरएम ने बांसापहाड़ में ही बनाई जा रही 15 सौ मीटर लंबी लांग हाल लाइन का निरीक्षण किया और यह सुनिश्चित किया कि लांग हाल लाइन का निर्माण पूरी तकनीकी गुणवत्ता के साथ हो। इसे 15 जून तक पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं। बांसापहाड़ का निरीक्षण करने के बाद डीआरएम टीम ने वापिसी की और सगमा में लांग हाल लाइन के काम का मुआयना किया। सगमा के निरीक्षण के दौरान सगमा स्टेशन प्रबंधक ने  अप्रोच रोड की आवश्यकता जताते हुए डीआरएम को बताया कि बरसात के मौसम में यात्रियों को स्टेशन पहुंचने के लिए कीचड़ के बीच से आना पड़ता है। डीआरएम ने जल्द ही इस समस्या से निजात दिलाने का भरोसा दिया है।  

क्यों जरूरी है लांग हाल लाइन 
गौरतलब है कि कई मर्तबा दो मालगाड़ियों को जोड़कर एक बड़ी मालगाड़ी ट्रैक पर चलाई जाती है लेकिन यदि ऐसी मालगाड़ी के ट्रैक पर रहने के दौरान दूसरे ट्रेन को क्रासिंग देनी हो तो रेलवे को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। ऐसे में लांग हाल लाइन का निर्माण रेल यातायात को सुगम बना देता है और ट्रेनों की लेटलतीफी पर भी अंकुश लगता है।  डीआरएम के साथ आए एक तकनीकी अधिकारी ने बताया कि सतना-मानिकपुर रेलखंड स्थित सगमा और बांसापहाड़ में इसीलिए 15 सौ मीटर लंबी लांग हाल लाइन का निर्माण किया जा रहा है ताकि यदि बड़ी मालगाड़ियों को रोकर दूसरे ट्रेन को निकालने की जरूरत हो तो ऐसी मालगाड़ी को लांग हाल लाइन में खड़ा कर दूसरी ट्रेनों को सुगमता से निकाला जा सके।

इंतजार करते रहे यूनियन पदाधिकारी
इस मर्तबा कोविड संक्रमण का असर डीआरएम व उनकी टीम पर भी देखा गया। अमूमन जब डीआरएम आते हैं तो यूनियन कर्मचारियों की समस्याओं से उन्हें अवगत कराते हैं। इस मर्तबा भी डब्लूसीआरईयू व अन्य यूनियन के पदाधिकारी अपनी समस्याओं का पत्र देने के लिए तैयार थे लेकिन डीआरएम ने इस मर्तबा किसी पदाधिकारी से मुलाकात नहीं की। 

अप में 12 तो डाउन में 35 यात्री 
तकरीबन 3.40 बजे सगमा व बासापहाड़ का निरीक्षण करने के पश्चात डीआरएम सतना जंक्शन लौटे और रनिंग रूम में स्वल्पाहार लिया। तत्पश्चात वे सतना स्टेशन पहुंचे और स्टेशन प्रबंधक से स्टेशन परिसर की व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। इस दौरान उन्होने पूछा कि डीएमयू में कितने यात्री मिले। उन्हें बताया गया कि बुधवार को पहले दिन 9 यात्री मिले थे जबकि गुरूवार को डाउन दिश की ओर जाने के दौरान डीएमयू को 35 तो अप दिशा की ओर 12 यात्री सतना जंक्शन से रवाना हुए हैं। 

बनाओ गोले, कराओ कोविड गाइडलाइन का पालन
डीआरएम ने सतना जक्शन में यात्रियों की भीड़ को देखते हुए एईएन को निर्देश दिए हैं कि टिकट काउंटर्स के इर्द-गिर्द पुन: शोसल डिस्टेंसिंग को मेंटेन करने गोले बनवाएं ताकि टिकट लेने के दौरान यात्रियों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन हो सके। स्थानीय रेल अधिकारियों को डीआरएम ने स्टेशन परिसर में कोविड गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन कराने के निर्देश दिए हैं। अटेंडेंट का कराया आरटीसीपीआर टेस्ट& जिस आरए कोच में सवार होकर डीआरएम सतना जंक्शन पहुंचे थे, उसका अटेंडेंट बीमार पाया गया जिसके बाद उसका आरटीसीपीआर टेस्ट कराया गया है। हालांकि अभी रिपोर्ट नहीं मिली है लेकिन एहतियातन डीआरएम ने टेस्ट कराने के निर्देश दिए जिसके बाद स्टेशन परिसर में ही अटेंडेंट का सैंपल लिया गया। 

महानगरी में नहीं लगा आरए तो मुडुवाडीह स्पेशल से गए 
घोषित कार्यक्रमानुसार डीआरएम को महानगरी एक्सप्रेस से जाना था लेकिन महानगरी एक्सप्रेस में तकनीकी त्रुटि के कारण आरए नहीं जुड़ सका, नतीजतन डीआरएम को 2168 अप मडुवाडीह-एलटीटी स्पेशल में आरए कोच जोड़कर जबलपुर के लिए रवाना होना पड़ा।