केजेएस पर 36 करोड़ 4 लाख का जुर्माना, 271.51 हेक्टेयर की अमिलिया खदान निरस्त
सतना। मैहर क्षेत्र में 271.51 हेक्टेयर क्षेत्रफल में संचालित की जा रही अमिलिया खदान को कलेक्टर ने एक आदेश जारी कर निरस्त कर दिया है। इसके अलावा खनिज अधिनियमके तहत अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुएकलेक्टर ने मेसर्स केजेएस सीमेन्ट लिमिटेड पर खान एवं खनिज (विकास तथा विनियम) अधिनियम 1957 की धारा 4 का उल्लंघन करने पर 36 करोड़ 4 लाख 5 हजार 716 रुपए का जुर्माना लगाया है। प्रदेशभर में खनिज क्षेत्र में अब तक की यह सबसे बड़ी और कठोर कार्यवाही मानी जा रही है।
30 दिन के भी राशि वसूलने के निर्देश
खनिज अधिकारी को 30 दिवस में मांग पत्र जारी करते हुये उक्त जुमार्ने की राशि वसूल करने के आदेश दिये गये हैं। शासन स्तर से गठित जांचदल के निरीक्षण प्रतिवेदन पर कलेक्टर ने प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। खनिज अधिकारियों ने प्रति-परीक्षण कराने पर पाया कि बिना अग्रिम रॉयल्टी भुगतान खनिज परिवहन , खान एवं खनिज (विकास तथा विनियम) अधिनियम 1957 की विभिन्न धाराओं के उल्लंघन पर 30 करोड़ 30 लाख 9 हजार 811 रुपए की पेनाल्टी, 4 करोड़ 34 लाख 81 हजार 746 रुपए की रॉयल्टी, 1 करोड़ 30 लाख 44 हजार 524 रुपए की जिला खनिज फंड और 8 लाख 69 हजार 635 रुपए की एनएमईटी की राशि मिलाकर केजेएस सीमेंट पर 36 करोड़ 4 लाख 5 हजार 716 रुपए की राशि वसूली योग्य है।
बिना अग्रिम रायल्टी चुकाए ही कर दिया परिवहन
इसके अलावा केजेएस की सतना जिले में कुल 15 चूना पत्थर खनिज की स्वीकृत खदानों में 9 शिथिल खदानों में व्यपगत घोषित करने के प्रस्ताव पहले ही भेजे जा चुके हैं। वर्तमान उल्लंघन के फलस्वरूप कलेक्टर श्री कटेसरिया ने 217.51 हेक्टेयर क्षेत्र की अमिलिया लाईम स्टोन खदान भी बंद कर निरस्त घोषित करने के आदेश दिये हैं। कलेक्टर श्री कटेसरिया ने मामले की सुनवाई में पाया कि संस्थान के खनिज तौल के स्थापित वेब्रिजों में नापतौल द्वारा सत्यापित सील नही पाई गई। प्लांट में अमिलिया खदान से उत्पादित खनिज और बेल्ट कन्वेयर द्वारा खदान से सीमेंट प्लांट तक परिवहन किये गये खनिज की मात्रा के आंकलन का कोई आधार नहीं पाया गया।
अमिलिया खदान की खनन योजना अनुरूप अनुमोदित मात्रा 12 लाख 50 हजार एमटी प्रतिवर्ष के आधार पर अप्रैल 2020 से सितम्बर 2020 तक 6 माह की खनिज चूना पत्थर का कुल उत्पादन 6 लाख 25 हजार एमटी एवं देय रॉयल्टी 5 करोड़ होती है। जबकि वास्तविक जमा की गई राशि 65 लाख 18 हजार 254 रुपए ही है। इसलिये रॉयल्टी राशि 4 करोड़ 34 लाख 81 हजार 746 रुपए डीएमएफ 1 करोड़ 30 लाख 44 हजार 524 रुपए तथा एनएमईटी की राशि 8 लाख 69 हजार 635 रुपए मिलाकर 5 करोड़ 73 लाख 95 हजार 905 रुपए वसूली योग्य पाई गई।
क्षेत्र से दूर स्थित अन्य खनिज पट्टा खदानों से ईटीपी के माध्यम से परिवहन किये गये खनिज की मात्रा में अंतर पाया गया और 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2020 तक बिना अग्रिम रॉयल्टी भुगतान किये प्लांट तक परिवहन किया जाना प्रमाणित पाया गया। जबकि अंतर की राशि बाजार मूल्य से कम जमा की गई। केजेएस सीमेंट राजनगर मैहर द्वारा खनिज चूना पत्थर कुल मात्रा 1 लाख 13 हजार 411 मे0टन जिसका बाजार मूल्य 30 करोड़ 30 लाख 9 हजार 811 रुपए, बिना अग्रिम रॉयल्टी भुगतान किये खदान से प्लांट तक परिवहन किया जाना प्रमाणित पाया गया।