कॉलेज की कक्षाएं होंगी स्मार्ट, लगेंगी इंटीग्रेटेड मशीन

रीवा। सरकारी महाविद्यालयों के छात्रों को स्मार्ट क्लास के जरिये शिक्षा मिलेगी। इसके लिए महाविद्यालयों में इंटीग्रेटेड मशीन लगाई जायेगी। कम्प्यूटर आॅपरेटेड इस मशीन का उपयोग शिक्षक अपने  डाटा प्रेजेंटेशन के लिए करेंगे। इस तरह शिक्षक कक्षाओं में छात्रों को बेहतर तरीके से प्रायोगिक व मौलिक ज्ञान दे सकेंगे।

स्मार्ट क्लास योजना लागू करने से पहले उच्च शिक्षा विभाग ने हाल ही में प्रशिक्षण दिया है। भोपाल में हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिले के प्राचार्य व संबंधित अधिकारीगण भी पहुंचे थे। प्रशिक्षण में अधिकारियों को नई इंटीग्रेटेड मशीन की जानकारी दी गई है। साथ ही मशीन को चलाने व उसके नये फंक्शन से अधिकारियों को अवगत कराया गया। इसके उपरांत अब महाविद्यालयों से विभाग ने प्रस्ताव मांगा है। प्रस्ताव भेजने वाले महाविद्यालयों को उक्त मशीन क्रय करने की अनुमति विभाग प्रदान करेगा, जिसकी कीमत अनुमानित डेढ़ लाख बताई जा रही है।

शिक्षक अपने डाटा का करेंगे उपयोग 
बताया गया कि इसमें शिक्षक पॉवर प्वाइंट, वीडियो या अन्य तरह की डाटा फाइल का उपयोग कर सकेंगे। बच्चों को पढ़ाने के लिए बनी ऐसी फाइल को इस मशीन में सीडी, पेन ड्राइव के जरिये दिया जायेगा। फिर अत्याधुनिक मशीन सफेद दीवार पर भी फोकस कर काम करेगी। लेक्चर या प्रेजेंटेशन के समय शिक्षक सुधार भी कर सकेंगे, इसके लिए मशीन के साथ एक सेंसर पेन रहेगा। 

आॅफलाइन करेगा काम 
यह प्रोजेक्ट आॅनलाइन वर्चुअल क्लास से इतर आॅफलाइन काम करेगा। यानि जीडीसी व मऊगंज कॉलेज में चलने वाली वर्चुअल कक्षाएं आॅनलाइन होती हैं, जिसमें भोपाल में बैठा शिक्षक आॅनलाइन छात्रों को पढ़ाता है। इसमें एक लेक्चर, एक ही समय पर सभी महाविद्यालयों में प्रसारित होता है। वहीं स्मार्ट क्लास के लेक्चर में केवल कक्षा में बैठे ही छात्र उसका लाभ ले सकेंगे। बहरहाल, टीआरएस कॉलेज जैसे कुछ संस्थानों में स्मार्ट क्लास पहले से है, जिसे और नये स्वरूप में अब विभाग द्वारा दिया जा रहा है।