इन्कम टैक्स देने वालों को बिजली बिलों में लगेगा करंट
सतना | बिजली उपभोक्ताओं के लिए सरकार ने एक और फरमान जारी कर बिलों में जोर का झटका देने की तैयारी की है। हालाकि ये आम उपभोक्ताओं के लिए नहीं है लेकिन ऐसे उपभोक्ता जो सरकार को अपनी इंकम का टैक्स अदा करते हैं,उनके लिए बिजली महंगी हो चुकी है। आयकर दाताओं को 100 रु पये में 100 यूनिट की बिजली अब नहीं मिलेगी। उन्हे सामान्य टैरिफ जो विद्युत नियामक आयोग द्वारा तय किया गया है उसके अनुसार ही सरकार से बिजली खरीदनी होगी। कुलमिलाकर सब्सिडी का खेल खतम कर दिया गया है। ये फैसला कैबिनेट में ऊर्जा विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान सरकार ने किया है।
मप्र में तीनों विद्युत वितरण कंनियों के लिए कांगे्रस सरकार में मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ ने इंदिरा गृह ज्योति योजना के तहत सभी घरेलू उपभोक्ता जो तीन फेस में नहीं है उनके लिए स्कीम के तहत एक रुपए में एक यूनिट बिजली देने का फैसला किया और बाद में योजना का दीदार आम उपभोक्ताओं को होने लगा। अब भाजपा सरकार ने इस योजना का नाम तो नहीं बदला है पर आयकर दाताओं के लिए एमपी में बिजली महंगी कर दी है। योजना सतना के पांचों डिवीजनों में भी लागू की जा रही है। 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली की सूची से आयकर देने वाले उपभोक्ता चाहे वो सरकारी या निजी कर्मचारी हों चाहे कारोबारी जो इंकमटैक्स देते हैं वा इस सरकार में सब्सिडी भूल जांए। हालांकि जो कर दाता नहीं है उनके लिए योजना वैसे ही चलेगी।
प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे ने वीसी में बिजली अफसरों को निर्देश दिए हैं कि जो उपभोक्ता आयकर भुगतान करते हैं उनको बिजली सब्सिडी योजना से बाहर करना है और इसके लिए काम डीसी-डिवीजन स्तर पर किया जाए। अभी तक जिनको 100 रुपए की सब्सिडी बिजली बिल योजना का लाभ मिलता है उनके नाम और आइवीआरएस नंबर बिलिंग साफ्टवेयर में दर्ज है जिससे बिलिंग के साथ ही उनको योजना का लाभ मिलता है और बिलों में छूट अपने से ही मिल जाती है। अब इन नामों को अलग करना है जिससे आयकरदाताओं को इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ न मिले।
आयकर दाताओं को बिजली सब्सिडी योजना से बाहर करना है। पीएस के निर्देश पर इंकम टैक्स देने वालों का डाटा निकाला जा रहा है। जो टैक्स दाता नहीं है उनको उसी योजना में बिजली मिलेगी।
राजकुमार पांडे, डीई सिटी