किसानों के शोषण का अड्डा बनी सतना गल्ला मंडी

सतना। सरकार की नीतियों से समाप्त होने के रास्ते पर चल पड़ी सतना गल्ला मंडी से किसानों का मोह वहां के कर्मचारियों और व्यापारियों के व्यवहार और अवैध वसूली से भंग हो रहा है। वहां किसानों को होने वाली परेशानी को लेकर तमाम शिकायतों के बाद भी मंडी प्रशासन समस्याएं दूर करने के स्थान पर शोषण करने वालों के साथ ही हो जाता है।

इस तरह वेजा वसूली
मंडी में सबसे बड़ी समस्या किसानों से व्यापारियों द्वारा की जाने वाली अनावश्यक कटौती की है जिसमें वहां के प्रशासन का पूरा साथ मिला हुआ है। सूत्रों का कहना है कि मंडी में सुबह साढ़े 10 बजे नीलामी के दावे के बीच नीलामी का काम दोपहर 12 बजे के बाद ही शुरू हो पाता है। अपरांह 4-5 तक नीलामी होती रहती है लिहाजा उपज का भुगतान भी लेट होता है। इस दौरान व्यापारी किसानों से नगदी भुगतान के नाम पर 100 रुपये बोरा तक कटौती कर लेते हैं।

पिछले दिनों तो एक किसान इसी चक्कर में बिना नीलामी कराये ही अपना अनाज वापस ले गया था। इस गड़बड़ी में चार-पांच व्यापारियों का नाम ही आता है पर शिकायतों के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती। अभी तीन दिन पहले ही गढ़ कटरा रीवा से 25 क्विंटल अलसी लेकर आए किसान की उपज काफी कम कीमत में नीलाम कर दी गई। नियम है कि नीलामी में 3 से कम बोली लगाने वाले नहीं होने चाहिये पर कर्मचारी ने सिर्फ एक व्यापारी को खड़ा करके बोली लगवाई।  अच्छी क्वालिटी की यह उपज 5300 रुपये से अधिक में बिकनी चाहिये थी जो 4950 रुपये क्विंटल की दर से नीलाम हो गई।

ऐसे में कैसे हो किसानों का भला
कृषि उपज मंडियां किसानों द्वारा किसानों के फायदे के लिये ही संचालित होती हैं। उसके डायरेक्टर भी अधिकांश किसान होते हैं। लेकिन यहां पूरी वाडी भी नेताओं की है जिसे किसानों के हित से कोई लेना देना नहीं है। व्यापारियों ने भी अपनी दो यूनियने बना रखी हैं पर किसान क्या व्यापारिक हितों के मामले में भी उनका मुंह नहीं खुलता।

यही कारण है कि गड़बड़ी के लिये बदनाम व्यापारियों और कर्मचारियों की सांठ-गांठ के चलते वहां धीरे-धीरे किसानों द्वारा अनाज लाने में रुचि नहीं ली जा रही। इस मामले में मंडी प्रशासन की भूमिका भी कम गैर जिम्मेदाराना नहीं है। कहा जाता है कि जब भी किसी व्यापारी के खिलाफ शिकायत होती है पर उसको नोटिस जारी होती है और उसके बाद मामला दबा दिया जाता है। ऐसा क्यों होता है इसका अंदाजा भी सहज ही लगाया जा सकता है।