योजना: अब समूह करेंगे टमाटर का उत्पादन
सतना | जिले में टमाटर की खेती को बढ़ावा देने के साथ ही किसानों को उसकी मेहनत की उचित कीमत दिलाने के लिये उद्यानिकी विभाग अब जिलों में किसानों के समूह बनाकर विभिन्न सब्जियों की उत्पादन इकाई गठित कराने की तैयारी में है। इसके लिये न केवल विभाग किसानों को तकनीक की जानकारी व प्रशिक्षण दिलायेगा बल्कि बैंक भी इसके लिये कर्ज देंगे। सतना जिले का चयन भी टमाटर फसल के लिये किया गया है।
ऐसे करें आवेदन, ये है पात्रता
जिले में ओडीओपी टमाटर आधारित इकाइयां स्थापित करने के इच्छुक टमाटर उत्पादक कृषक, स्व-सहायता समूह, एफपीओ एवं सहकारी समितियों से डीपीआर, बैंक सहमति सहित आवेदन उप संचालक उद्यान में जमा कराने की अपेक्षा की गई है। आवेदक के सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की स्थापना हेतु प्रति उद्योग पात्र परियोजना लागत की 35 प्रतिशत की दर से क्रेडिट लिंक्ड पूंजी पर अनुदान अतिकतम 10 लाख रूपए देय होगा। इसमें लाभार्थी का योगदान न्यूनतम 10 प्रतिशत और शेष राशि बैंक ऋण से होना आवश्यक है। नए उद्यम निजी या समूहों के केवल ओडीओपी आधारित उत्पादों को ही सहायता दी जाएगी।
सतना जिले में पहले से ही टमाटर की अच्छी खेती होती है। यहां का टमाटर जिला और प्रदेश से बाहर तो बिकने जाता ही है साथ ही शहर की खपत की पूर्ति में भी उसका बड़ा योगदान है। मौजूदा समय जिले में टमाटर का रकबा 4061 हेक्टेयर में उत्पादन 81766 मैट्रिक टन है। जिले के विकासखंड मैहर, उचेहरा एवं अमरपाटन सहित अन्य विकासखंडों में भी काफी अधिक मात्रा में उत्पादित हो रहा है। उप संचालक उद्यान अनिल सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना अंतर्गत एक जिला एक उत्पादन कार्यक्रम के तहत जिले में टमाटर आधारित प्रसंस्करण स्थापित करने हेतु 5 इकाईयों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना अंतर्गत एक जिला एक उत्पादन कार्यक्रम के तहत जिले में ओडीओपी टमाटर आधारित प्रसंस्करण स्थापित करने हेतु 5 इकाईयों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इच्छुक उप संचालक कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं।
अनिल सिंह, उप संचालक उद्यान सतना