आसमान से बरसी आफत, सरसों व मसूर की फसल हुई तबाह

रीवा | जिले के अन्नदाताओं को एक बार फिर से प्रकृति ने बड़ी मुसीबत में डाल दिया है। बुधवार को अचानक आसमान से ओले के साथ आफत बरसी और खेत में पककर खड़ी सरसों, मसूर एवं गेहूं की फसल तबाह हो गई। जिले के तकरीबन दो दर्जन से ज्यादा गांवों में दोपहर को हुई ओलावृष्टि ने अन्नदाताओं के माथे पर परेशानी की लकीर खींच दी है। अचानक मौसम का मिजाज बिगड़ा और दोपहर आसमान से गिरने वाले ओले किसानों की मेहनत को तबाह कर दिए हैं। जिला प्रशासन द्वारा ओलावृष्टि से हुई फसलों के नुकसान का सर्वे किए जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।

जिले के लालगांव क्षेत्र में अचानक हुई ओलावृष्टि के बाद अन्नदाताओं के माथे पर चिंता के बादल छा गए हैं। बुधवार की दोपहर तकरीबन 20 मिनट से ज्यादा समय तक बड़े आकार के गिरने वाले ओले से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। ग्रामीण क्षेत्रों से अन्नदाताआें द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया है कि आधे से ज्यादा क्षेत्र में गेहूं की फसल भी पककर खेतों में खड़ी है। जिसकी 15 दिन बाद कटाई भी शुरू हो जाएगी। वहीं सरसों की कटाई भी कई जगह शुरू कर दी गई है। पूरी तरह से पककर खेत में खड़ी सरसों की फसल में पड़ने वाले ओले के बाद सरसों की पूरी फसल नष्ट हो गई है। इतना ही नहीं मसूर भी पककर खेतों में खड़ी थी, जिसकी कटाई की जा रही थी। अचानक गिरने वाले ओले के बाद मसूर की फसल को भी काफी नुकसान पहुंचा है। 

इन गांवों में गिरे ओले
जिले के लालगांव क्षेत्र में दो दर्जन से ज्यादा गांवों में ओले गिरने की जानकारी सामने आई है। बुधवार की दोपहर लालगांव, बरेही, सिसवा, टेहरा, डगडगपुर, चौरी, खम्हरिया, देवास, माला, करारी, बड़ोखर, हरदी, पचोखर, गोंदरी, पुरवा, मदरी, भठवा, पताई, भौखरी, सरई, कोलहा, दादर एवं क्योंटी गांव में ओले गिरने की जानकारी बताई गई है। बताया गया है कि 20 मिनट से ज्यादा बड़े आकार के पत्थर गिरे हैं जिससे फसलों को नुकसान के साथ-साथ कच्चे मकानों के खपरैल भी फूट गए हैं। किसानों द्वारा जानकारी दी गई है कि बुधवार को जो ओलावृष्टि हुई है उससे ज्यादातर नुकसान राई एवं मसूर को हुआ है। जबकि गेहूं की फसल को आंशिक नुकसान पहुंचा है। 

नुकसान का किया जाएगा सर्वे
जिले के दो दर्जन से ज्यादा गांवों में हुई ओलावृष्टि में फसलों के नुकसान का सर्वे किए जाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा निर्देशित किया गया है। बुधवार को अचानक हुई ओलावृष्टि से किसानों को कितना नुकसान हुआ है, इसकी जानकारी सर्वे दल द्वारा जिला प्रशासन को दी जाएगी। बताया गया है कि आरबीसी एक्ट के प्रावधानों में क्षतिपूर्ति की भरपाई शासन के मापदण्डों के अनुसार की जाएगी। जिला प्रशासन ने मैदानी अधिकारियों को यह निर्देशित किया है कि जिन गांवों में ओलावृष्टि हुई है वहां पर बोई गई फसलों को कितना नुकसान हुआ है, इसका सर्वे कर जानकारी दें ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि किस किसान को कितना नुकसान पहुंचा है।

अगले पांच दिन तक रहेगा मौसम खराब
मौसम विभाग की ओर से आगामी 5 दिनों में 12 और 13 मार्च को मौसम खराब रहने की संभावना जताई गई है। लोगों को अलर्ट करते हुए कहा गया है कि तेज आंधी जैसी स्थिति बन सकती है। जिसे लेकर सतर्कता बरतें एवं 13 मार्च को बारिश की सम्भावना बनी हुयी है। विशेषकर आम की फसल में फूल झड़ने, रोग व कीट की समस्या हो सकती है। गेहूं, चना, मसूर, सरसों इत्यादि फसल की कटाई रोक दें। जिन किसानों ने फसल की कटाई कर ली है वह अपनी फसल को सुरक्षित स्थान पर रखने का प्रबंध करें।

आम को हुआ ज्यादा नुकसान
जिले के जिन गांवों में बुधवार को ओलावृष्टि हुई है वहां पर आम की फसलों को ज्यादा नुकसान हुआ है। बताया गया है कि बड़े आकार के ओलों ने आम की बौरों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। गौर करने वाली बात यह है कि इस वर्ष आम की फसल अच्छी थी, ज्यादातर आम में बौरें आई थीं। माना यह जा रहा था कि इस वर्ष आम का उत्पादन ज्यादा होगा। शुरुआती दिनों में ही हुई ओलावृष्टि ने आम की बौरों को तबाह कर दिया है। ऐसे में जिन क्षेत्रों में ओले गिरने की सूचना सामने आई है, वहां पर आम की फसलों में अब काफी कमी नजर आएगी। मौसम विभाग द्वारा दी गई चेतावनी में अगर आने वाले दिनों में तेज आंधी एवं पानी तथा ओले गिरने की बात सामने आती है तब किसानों को और बड़े नुकसान से गुजरना पड़ सकता है।