आंदोलन में अतिथि विद्वान, 22 दिन से विवि की पढ़ाई ठप
रीवा | अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के अतिथि विद्वान अपने आंदोलन को उग्र बनाने के मुड़ में आ गये है। गौरतलब है कि मई महीने से मानदेय न पाने वाले अतिथि विद्वान पिछले 22 दिनों से आंदोलन के रास्ते पर है और रोजाना कुलपति के चेम्बर के बाहर बैठकर धरना देते है। इस दौरान विश्वविद्यालय में अध्ययन अध्यापन का कार्य भी सम्पादित नहीं हो पा रहा है। क्योंकि वीडियो लेक्चर कराने और छात्रों को पढ़ाने का जिम्मा अतिथि विद्वानों पर ही है। ऐसे में विश्वविद्यालय के छात्र भी परेशान हो रहे है।
ज्ञात हो कि कुछ महीनों बाद सेमेस्टर परीक्षायें आयोजित होनी है। वैसे भी विश्वविद्यालय में आॅनलाइन पढ़ाई देरी से प्रारंभ हुई। लगभग डेढ़ महीने तक छात्रों को पढ़ाने के पश्चात अतिथि विद्वान तीन हफ्ते से ज्यादा वक्त से अध्यापन के कार्य से पृथक है। ऐसे में छात्रों का काफी नुकसान हो रहा है। विश्वविद्यालय ने उनसे सेमेस्टर फीस भी वसूल कर ली है। मगर छात्रों को पढ़ाई मुहैया नहीं करा पा रहा है। बताया गया है कि आने वाले दिनों में अतिथि विद्वान पुतला दहन की योजना तैयार कर रहे है। यह तो स्पष्ट हो गया है कि अतिथि विद्वानों के प्रदर्शन से विश्वविद्यालय का न सिर्फ अध्ययन अध्यापन भी प्रभावित हो रहा है बल्कि संस्था की छवि भी धूमिल हो रही है।
दो महीने का मानदेय लेने के प्रस्ताव को ठुकरा रहे
बताया गया है कि डेढ़ सौ से अधिक अतिथि विद्वानों को सात महीने से मानदेय के नाम पर एक रूपये भी नहीं दिया गया। दूसरी ओर कुलपति अतिथि विद्वानों को मई जून का मानदेय जारी करने और बाकी महीनों का वेतनमान ईसी बैठक के बाद लिए गए फैसले के आधार पर देने का प्रस्ताव रखा है। जिसे अतिथि विद्वानों ने ठुकरा दिया है। ज्ञात हो कि गत दिनों से आपात ईसी बैठक में इसी मुद्दे को लेकर बुलाई गई थी। मगर कोरमपूर्ति के अभाव में बैठक नहीं हो सकी। जिससे अतिथि विद्वानों में आक्रोश और बढ़ गया है।