कार्यपालन अभियंता पर मेहरबान सीई, सीजीएम का आदेश कूड़ेदान में

रीवा मऊगंज डिवीजन में पदस्थ कार्यपालन अभियंता हरिवंश प्रसाद शुक्ला के 70 लाख रुपए के कारनामे पर पुलिस में एफआईआर कराने के मुख्य महाप्रबंधक जबलपुर विद्युत वितरण कंपनी के आदेश को मुख्य अभियंता रीवा क्षेत्र ने कूड़ेदान में डाल दिया है। घोटाले के मुख्य सूत्रधार पर सीई की मेहरबानी विभाग में विरोध का सबब बन गई है। इस मामले में कार्यपालन अभियंता के अधीनस्थ अधिकारियों के विरुद्ध एफआईआर पहले ही हो चुकी है।

खास बात यह है कि लाखों रुपए की हेराफेरी की जांच में दोषी पाए गए कार्यपालन अभियंता हरिवंश प्रसाद शुक्ला अभी भी मऊगंज डिवीजन में यथावत तैनात हैं। मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड रीवा क्षेत्र के मुख्य अभियंता को कंपनी के जबलपुर में पदस्थ मुख्य महाप्रबंधक ने 8 मार्च 2021 को जांच में दोषी पाए गए कार्यपालन अभियंता मऊगंज एचवीपी शुक्ला के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कहा गया था। पत्र क्रमांक शिका./शास-1639/21/2005 में कहा गया है कि शुक्ला के विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कर तत्काल कार्रवाई की जानकारी दें। लेकिन करीब तीन सप्ताह पूर्व आए इस पत्र पर अभी तक कोई कार्रवाई मुख्य अभियंता जीपी सिंह द्वारा नहीं की गई। 

अलबत्ता हरिवंश प्रसाद शुक्ला को बचाने के लिए पूर्व में की गई जांच को नजरअंदाज करते हुए एक और जांच बैठा दी है। मुख्य महाप्रबंधक  मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर के पत्र का हवाला देते हुए अधीक्षण अभियंता संचारण/संधारण रीवा को पत्र लिखकर एक और जांच प्रतिवेदन मांग लिया है। मुख्य अभियंता कार्यालय रीवा के पत्र क्रमांक 053-01/03/व्हीआईपी/ शिका./ 13021-22 में अधीक्षण अभियंता को निर्देशित किया गया है कि तत्काल जांच कर प्रतिवेदन दें, जिसे कार्पोरेट कार्यालय को भेजा जा सके। इस पत्र ने एफआईआर कराने की बजाय हरिवंश प्रसाद शुक्ला को संजीवनी दे दी। सूत्रों का कहना है कि मुख्य अभियंता जीपी सिंह चंद महीनों में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ऐसे में वे कथित तौर पर कार्यपालन अभियंता शुक्ला द्वारा उपकृत किए जाने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं।

क्या है मामला
मप्रविविकंलि रीवा क्षेत्र के मऊगंज डिवीजन में बतौर कार्यपालन अभियंता रहते हरिवंश प्रसाद शुक्ला और उनके मातहतों ने विद्युत वितरण केन्द्र नईगढ़ी की सीएसी में सात नंबर उपभोक्ता की राशि 4 लाख 60 हजार 637 का संग्रहण किया था। 23 जून 2020 की तिथि में उक्त राशि कैश पंचिंग कराई गई है। इसमें पांच उपभोक्ताओं की वही राशि जुलाई 2020 में डिमांड हुई है व वितरण केन्द्र की कैशबुक में दो उपभोक्ताओं को माह अक्टूबर 20 में डिमांड हुई।

कार्यपालन अभियंता के विरुद्ध मुख्य महाप्रबंधक द्वारा की गई जांच में पाया गया कि उनके ऊपर लगे आरोप सही हैं। जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि कैशबुक का सत्यापन करने पर पाया गया कि उक्त राशि कैशबुक में 24 जून 20 को दर्ज है। जबकि सीएसी के माध्यम से राजस्व पॉवर बीआई के द्वारा कलेक्शन दिखाने के लिए फर्जी सीएसी नंबर बनाकर आरएमएस भेजी गई। जबकि सीसीवी में डिमांड कर बकाया राशि को जस का तस कर दिया गया। उसमें कार्यपालन अभियंता एचवीपी शुक्ला के हस्ताक्षर पाए गए।

शुक्ला के विरुद्ध सरोज पाण्डेय निवासी अकौरी ने शिकायत की थी, जिसकी जांच में उन पर लगे आरोप सही साबित हुए थे। इसी प्रकार मऊगंज वितरण केन्द्र की सीएसी क्रमांक 4560 दिनांक 11 जनवरी 2020 से राशि 11 लाख 69 हजार 350 का संग्रहण 11 नंबर उपभोक्ताओं से किया गया। जिसमें ई-पेमेंट बाउचर द्वारा लिखा गया है। लेकिन क्षेत्रीय लेखाधिकारी ने उक्त राशि प्राप्त होने से इंकार कर दिया। इससे स्पष्ट होता है कि उपभोक्ताओं से प्राप्त उक्त राशि हजम कर ली गई जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ। यही नहीं हरिवंश प्रसाद शुक्ला कार्यपालन अभियंता द्वारा संभाग अधीनस्थ उपभोक्ताओं के देयकों की राशि जमा न कर कंपनी को 11.69 लाख की वित्तीय क्षति पहुंचाई गई।

इसके अलावा नवंबर 2019 में देवतालाब सीसीबी अंतर्गत 1 लाख 87 हजार 263 रुपए की छूट दी गई थी। यह रकम रामगोपाल सिंह बटैया के सर्विस क्रमांक 5347029000010 की है। जबकि निरीक्षण पंचनामा में बिजली का उपभोग पाया गया था। जिसकी आॅनलाइन बिलिंग 2 लाख 7 हजार 405 रुपए हुई थी।   श्री शुक्ला द्वारा अवैधानिक तरीके से उपभोक्ता को छूट देकर कंपनी को क्षति पहुंचाई गई। ढाई सौ पृष्ठ से अधिक के जांच प्रतिवेदन में हरिवंश प्रसाद शुक्ला को कंपनी के नियमों का उल्लंघन, कंपनी के साथ धोखाधड़ी, उपभोक्ताओं को अवैधानिक लाभ और कंपनी को लाखों रुपए की आर्थिक क्षति पहुंचाने का दोषी पाया गया है।

कर्मचारी संघ ने खोला मोर्चा
मप्रविविकं तकनीकी कर्मचारी संघ ने हरिवंश प्रसाद शुक्ला के विरुद्ध पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर मोर्चा खोल दिया है। क्षेत्रीय अध्यक्ष अजय मिश्रा ने इस मामले में कलेक्टर रीवा, मुख्य अभियंता रीवा क्षेत्र, अधीक्षण अभियंता एवं मुख्य महाप्रबंधक संचारण/संधारण जबलपुर को पत्र लिखा है। जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुख्य अभियंता रीवा क्षेत्र जीपी सिंह एवं अधीक्षण अभियंता बीके शुक्ला द्वारा मऊगंज डिवीजन के कार्यपालन अभियंता हरिवंश प्रसाद शुक्ला के घोटाले पर ढुलमुल रवैया अपनाया जा रहा है। जबकि इस मामले में निचले स्तर के कर्मचारियों को बलि का बकरा बनाया गया। कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री मिश्रा ने आरोप लगाया है कि हरिवंश शुक्ला ने गरीब उपभोक्ताओं का पैसा लूटकर खुलेआम भ्रष्टाचार किया है। साथ ही कंपनी के साथ धोखाधड़ी और फर्जी कार्य किए। लेकिन मुख्य अभियंता एफआईआर कराने की बजाय मामले में एक और जांच शुरू कर आरोपी डीई को बचाने उतर पड़े हैं।