बहू ने रो-रोकर सुनाई आपबीती: मानसिक तनाव में था एसडीओ, रात 2 बजे बना लिया बंधक
रीवा | पीएचई विभाग का एसडीओ कई दिनों से मानसिक तनाव में था। बुधवार की रात अचानक से उसका सिर घूम गया और उसने अपनी पत्नी और बहू को घर में बंधक बना लिया। करीब 12 घंटे तक बंधक बनाए रखा। पुलिस व रिश्तेदार समझाने पहुंचे तो गोलियां चलाने लगा। जिसमें एसडीओ के समधी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस पूरे घटनाक्रम के दौरान पत्नी और बहू के साथ ही आसपास के लोग दहशत के साए में रहें। आखिरकार 4 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस ने बंधक बनी पत्नी और बहू को रिहा कराते हुए एसडीओ को हिरासत में ले लिया। फिलहाल एसडीओ से पुलिस पूछताछ करने में जुटी हुई है। आगे का घटनाक्रम पत्नी के बताए अनुसार।
सुरेश मिश्रा वर्तमान में डिंडौरी जिले में एसडीओ के पद पर पदस्थ हैं। वह मनरेगा का काम देखते हैं। कुछ दिन पहले ही वह अपने घर आए थे। उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। बुधवार की रात वह खाने के लिए कुछ मांगे, जिस पर साबूदाना की खिचड़ी बना कर दी गई। बहू भी घर का कामकाज कर रही थी। खाना खाने के बाद सभी सोने चले गए। रात करीब 2 बजे सुरेश जागे और गाली-गलौच करते हुए मारपीट शुरू कर दिए। बहू बीच बचाव करने पहुंची तो उसके साथ भी मारपीट शुरू कर दिए और अपनी लाइसेंसी बंदूक निकाल लाए। गोली चलाने लगे तो बहू भाग कर किचन में पहुंच गई और खुद को बंद कर लिया। रात भर वह सभी को गोली मारने की धमकी देते रहें।
सुबह होते ही करीब साढ़े 7 बजे बहु ने पुलिस को फोन किया। पुलिस 8 बजे के आसपास पहुंची तो सुरेश ने फिर से फायर करना शुरू कर दिया। कुछ देर बाद समधी श्रीनिवास तिवारी आए। पुलिस के साथ वह कमरे के भीतर पहुंचे तो सुरेश ने उन्हें ही गोली मार दी, जिसके बाद पुलिस वाले समधी को लेकर बाहर निकल गए। तब से लगातार दोपहर करीब 1 बजे तक वह एक के बाद एक फायर करते रहे। ऐसा लग रहा था कि कब मुझ पर गोली चल जाएगी।
दोपहर 1 बजे वह शांत हो गए और सामने वाले कमरे में बैठ गए। किसी तरह मना कर उनसे बंदूक लेकर दूसरे कमरे में रख दिए। इस तरह से करीब ढाई बज चुके थे। तभी पुलिस ने दरवाजा तोड़ कर घर के भीतर प्रवेश कर लिया। तब जाकर जान में जान आई। अब सुरेश ऐसा क्यों किए यह मुझे नहीं पता। लेकिन उनकी मानसिक स्थित करीब एक सप्ताह से सही नहीं थी। वह काफी परेशान दिख रहे थे। जैसा कि एसडीओ सुरेश की पत्नी अनुपमा मिश्रा ने बताया |
समधी के पैर में लगी गोली
पुलिस ने बताया कि एसडीओ जब नहीं मान रहे थे और बाहर नहीं निकल रहे थे। तभी उनके समधी श्रीनिवास तिवारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने भी आवाज देकर सुरेश मिश्रा से बाहर निकलने का आग्रह किया। लेकिन वह नहीं माने फलस्वरूप पुलिस ने दरवाजा तोड़ा और भीतर पहुंची तो एसडीओ फायर करने लगा। जिससे निकली गोली समधी श्रीनिवास तिवारी के पैर में लगी। लिहाजा पुलिस तत्काल ही श्रीनिवास को लेकर पीछे हट गई और उन्हें उपचार के लिए संजय गांधी अस्पताल पहुंचाया, जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बतायी जा रही है।
नग्न अवस्था में बैठा हुआ था एसडीओ
पुलिस जैसे ही दरवाजा तोड़ कर भीतर घुसी तो पहले ही कमरे में एसडीओ सुरेश बैठा मिला। उसके बदन पर एक भी कपड़े नहीं थे। वह कुछ बोल भी नहीं रहा था। पुलिस ने उसे गमछा पहनाया और बाहर लेकर आई। इसके बाद एम्बुलेंस से उसे सीधे संजय गांधी अस्पताल भेजा गया, जहां स्वास्थ्य जांच के बाद उसे थाना ले जाया गया।
कमरे में बिखरा था कैश व जमीन के कागजात
जिस कमरे में एसडीओ नग्न अवस्था में बैठा था, वहां पर भारी मात्रा में कैश व जमीन जगह के कागजात बिखरे पड़े थे। जिसे बाद में बहू एवं पत्नी ने एकत्रित कर सुरक्षित रखा। ऐसे में माना जा रहा है कि जमीन जगह के विवाद को लेकर वह मानसिक तनाव में थे, जिसके कारण इस घटनाक्रम को अंजाम दिए।
एनाउंस कर पुलिस ने दिया रामायण का हवाला
जब एसडीओ घर के भीतर पत्नी और बहू को बंधक बना कर फायरिंग कर रहे थे तभी सीएसपी सच्चितानंद प्रसाद, प्रतिभा शर्मा एवं नायब तहसीलदार यतीश शुक्ला भी पहुंच गए थे। इस दौरान आसपास के लोगों ने बताया कि एसडीओ धार्मिक प्रवृत्ति के हैं। लिहाजा सीएसपी प्रतिभा शर्मा ने पुलिस वाहन के माध्यम से एनाउंस करते हुए उन्हें रामायण के कई चरित्रों का हवाला दिया। पुलिस का मानना था कि शायद वह इस तरीके से बाहर निकल आएं। लेकिन इससे भी बात नहीं बनी। ऐसे में पुलिस को पीछे के रास्ते से जान जोखिम में डाल कर भीतर घुसना पड़ा।
बुलट प्रूफ जैकेट और हेलमेट पहन कर घुसी पुलिस
घर के भीतर से लगातार हो रहे फायर के चलते पुलिस की हिम्मत आगे बढ़ने की नहीं पड़ रही थी। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पुलिस लाइन से एक बुलट प्रूफ जैकेट और हेलमेट मंगाया गया। बाद में बिछिया थाना प्रभारी जगदीश ठाकुर को घर के भीतर जाने का निर्देश मिला। उनके साथ समान थाना में पदस्थ आरक्षक विनय तिवारी एवं रामदरश पटेल भी साथ गए। पीछे के रास्ते से चोरी छिपे तीनों पुलिसकर्मी घर के मुख्य दरवाजे तक पहुंचे। इसके बाद दरवाजा तोड़ कर भीतर घूसे और एसडीओ को हिरासत में लेते हुए पत्नी व बहू को रिहा कराया।
नेहरु नगर में सुरेश मिश्रा नाम के व्यक्ति ने अपनी पत्नी और बहू को घर में कैद कर रखा था। पुलिस रिहा कराने पहुंची तो उसकी तरफ से कई राउण्ड फायर किया गया। जिसमें उसके समधी को गोली लगी है। कई बार उन्हें हिदायत देकर बाहर आने के लिए कहा गया, लेकिन वह नहीं माने तो पुलिस टीम को भीतर भेजा गया। पुलिस ने सफलता पूर्वक रेस्क्यू पूरा किया और बंधक बनी दोनों महिलाओं को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। एसडीओ को हिरासत में लिया गया है।
यतीश शुक्ला, नायब तहसीलदार हुजूर