रेलवे ने घटाया बजट तो बढ़ गई स्टेशन की गंदगी

सतना | अगर आप सतना स्टेशन जा रहे हैं तो सावधान हो जाइए क्योंकि अब संक्रमण का खतरा यहां  बढ़ गया है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि तस्वीरें ही सब कुछ बयां कर रही हैं। स्टेशन पर पसरी गंदगी,जगह-जगह कचरे का ढेर,जहां -तहां रेलवे ट्रैक पर फेंका हुआ कचरा स्वच्छता की पोल खोल रहा है। सतना स्टेशन में गंदगी पांव पसार रही  है। इससे संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। बताया जाता है कि ये हालात पिछले चार दिनों से बन रहे हैं।

रेलवे अधिकारियों के अनुसार कोरोना काल में रेल प्रशासन ने अपनी घटती आय के चलते अपने खर्चो में कटौती करते हुए मैनुअल कर दी गई है।  पिछला ठेका 9 लाख 4 हजार रुपए का था वहीं 1 जनवरी से चालू हुआ नया ठेका लगभग 2 लाख 91 हजार का है। खर्चे में कटौती से सफाई व्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। सफाई व्यवस्था को लेकर मंडल के वरिष्ठ अधिकारियों ने  रिपोर्ट मंगाई है।

बजट के साथ कर्मचारी घटे
बताया जाता है कि स्टेशन में सफाई का ठेका श्रीसांई फेसेलिटी अम्बाला की फर्म को मिला है। टेंडर शर्तों के अनुसार ठेका एजेन्सी ने 11 सफाई कर्मचारी रखे हैं जिसमें सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे की सिफ्ट में 6, दोपहर 2 से रात 10 की शिफ्ट में 4 एवं 10 से सुबह 6 बजे तक में 1 सफाई कर्मचारी रखे गए हैं। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता कि ए ग्रेड के स्टेशन में आखिर कैसे सफाई हो पाएगी। पुराने ठेके में 68 सफाई कर्मचारी व झाड़ू-पोंछा अत्याधुनिक मशीनों के  माध्यम से होता था लेकिन नए ठेके में बजट एवं कर्मचारी कम हैं वहीं मशीनें नाममात्र की। 

इधर सफाई कर्मचारियों ने क्षेत्रीय प्रंबधक को सौंपा ज्ञापन  
सोमवार को प्राइवेट सफाई कामगार मजदूर संघ ने क्षेत्रीय प्रबंधक जतिन्दर सिंह सोहल को ज्ञापन सौंपा है। संघ के अध्यक्ष बद्री प्रसाद ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि कोरोना काल में सफाई कर्मचारी नि:स्वार्थ भाव से अपना योगदान दिया है लेकिन 1 जनवरी से चालू ठेके में लगभग आधा सैकड़ा से ज्यादा सफाई कर्मचारियों को काम पर नहीं रखा जा रहा है ऐसे में उनका परिवार भूखों मरने की कगार पर आ गया है। पिछले वर्षो की तरह काम पर नहीं रखा गया तो सफाई भूख हड़ताल आन्दोलन करते हुए काम अनिश्चिकाल के लिए काम बंद कर देंगे। ज्ञापन के दौरान राहुल सोनकर, शिबेन्द्र सिंह,गीता, प्रेमलाल समुद्रे आदि सफाई कर्मचारी मौजूद रहे।