हरकत में आया प्रशासन, पहुंचा दलसागर तालाब
रीवा। स्टार समाचार द्वारा दलसागर तालाब को लेकर 4 जनवरी के अंक में कांक्रीट के जंगल में तब्दील दलसागर तालाब शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया था। जिस पर प्रशासन हरकत में आया और शुक्रवार को अधिकारियों का दल निरीक्षण करने जा पहुंचा।
जिला मुख्यालय से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित प्राचीन दलसागर तालाब का भू-माफियाओं द्वारा स्वरूप परिवर्तित करने के मामले में ग्रामीणों द्वारा न्यायालय तक के दरवाजे खटखटाए गए बावजूद भू-माफियाओं ने तालाब के अगोर में प्लाट काटकर बेचने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। अखबार में प्रकाशित खबर के बाद एसडीएम एवं तहसीलदार तथा रायपुर कर्चुलियान एवं पटना हलका के पटवारियों ने जाकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली मौके पर यह पाया गया कि वास्तव में यह तालाब था, जिसका स्वरूप बिगाड़ा गया है।
दो घंटे तक किया निरीक्षण
दलसागर पहुंचा प्रशासनिक अमला दो घंटे तक निरीक्षण किया। जिसमें जलभराव एवं पानी के भराव को रोकने के लिए बनाई गई मेड़ का भी निरीक्षण किया। प्रशासनिक अमले ने यह माना कि यह पूरा तालाब है जिसे पाटने के लिए बाहर से मिट्टी भी लाई गई थी। उस दौरान जानकारी के बाद काफी संख्या में ग्रामीण भी पहुंच गए थे।
अधिकारियों को ग्रामीणों ने तालाब के बारे में पूरी जानकारी दी। पूर्व जनपद अध्यक्ष रायपुर कर्चुलियान लाल बहादुर सिंह ने एसडीएम के साथ आए अधिकारियों को तालाब के पूरे कागजात दिखाए जिसमें तत्कालीन कलेक्टर एसएन रूपला ने भी यह लिखा था कि यह निर्विवाद रूप से तालाब है। जिसका स्वरूप बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है।
शुक्रवार को किए गए निरीक्षण के बाद यह माना जा रहा है कि तालाब में की गई प्लाटिंग एवं जलभराव को रोकने के लिए डाली गई मेड़ पर जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जा सकती है। यहां पर यह बता दें कि उक्त तालाब के भराव में 6 पुलें बनी हुर्इं हैं जिससे कई किलोमीटर दूर से बहकर पानी पूरे तालाब को भरता है। अमले ने यह भी देखा कि भरे हुए तालाब का पानी बाहर निकालने के लिए नाली तक बना दी गई है।