थम नहीं रही यूपी-बिहार से धान की आवक

सतना | जिले में समाप्ति की ओर बढ़ रही धान खरीदी में जिम्मेदारों की मिलीभगत से उत्तर प्रदेश और बिहार से आने वाली धान खपाई जा रही है। इस काम में जिले के कई सफेदपोश और व्यापारी भी शामिल हैं जो दूसरे राज्यों से लगातार सस्ती कीमत पर धान मंगाकर खरीदी केन्द्रों में किसी न किसी पंजीकृत किसान के नाम से जमा कर रहे हैं। पिछले कई दिनों से हो हल्ला मचा हुआ है और दर्जनों ट्रक धान पकड़े जाने के बाद एक बार फिर मैहर से इसी तरह का मामला सामने आया है। बोरों को देखने के बाद यह भी समझ आ रहा है कि यह धान वहां के सरकारी गोदामों से निकली है।

करसरा मोड़ के केंद्र में भी यूपी की बोरियां 
जिला मुख्यालय से सटे करसरा मोड़ के खरीदी केंद्र में भी उप्र की बोरियां सरकारी व्यवस्था का मुंह चिढ़ा रही हैं। ग्रामीणों ने बताया कि इस खरीदी केंद्र में उप्र के ट्रकों की लाइन लगी रहती है जिसे स्थानीय किसानों के खातों का उपयोग कर खरीद लिया जाता है। ग्रामीण रोजाना ही यहां ट्रकों को आते देखते हैंजिसकी धान ट्राली या लोकल ट्रकों में लोड कर खरीदी केंद्र भेज दी जाती है। 

सड़कों पर खड़े लोड ट्रक
कोई कुछ भी कहे पर यह सही है कि बाहर की धान जिले में खप रही है। यदि किसी को इसकी सच्चाई देखनी हो तो मझगवां से लेकर चित्रकूट तक के मार्ग में किनारे खड़े धान से लोड ट्र्कों को जाकर देख ले। स्थानीय ट्रांसपोर्टर भी इस बात की तस्दीक कर देंगे जिनके यहां यूपी के ट्रक चालक आकर वापसी के लिये काम मांग रहे हैं। ये वाहन चालक ही आकर बताते हैं कि फला जगह से धान लेकर फला जगह पहुंचाई है और लौटने के लिये कोई माल नहीं मिला।

सूत्रों का कहना है कि गेहूं की तरह धान उपार्जन में भी कुछ सफेदपोश शामिल हैं जिनके  द्वारा पंजीयन कराने के बाद भी अपनी धान न बेंचने वाले किसानों के नाम से केन्द्रों में धान पहुंचाई जा रही है। यह धान जहां स्थानीय छोटे व्यापारियों द्वारा थोड़ी-थोड़ी खरीदकर ट्रकों में भरकर केन्द्रों में बेंचा जा रहा है वहीं बाहर से भी धान लाकर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है। इस मामले में धान उपार्जन से जुड़े जिम्मेदार कुछ कहने को तैयार नहीं हैं यहां तक कि नान अधिकारियों द्वारा फोन तक रिसीब नहीं किये जा रहे।

रिगरा केन्द्र में कई ट्रक धान

अमरपाटन, रामनगर, मैहर, मझगवां तथा बिरसिंहपुर क्षेत्र में वहां के एसडीएम और एसडीओ कृषि के द्वारा कई बार धान से लोड ट्रकों को पकड़कर पुलिस के हवाले करने के बाद भी यूपी और बिहार से धान की आवक थमने का नाम नहीं ले रही। शनिवार को इसी तरह का एक मामला मैहर ब्लाक के रिगरा केन्द्र से आया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह केन्द्र विमल वेयरहाउस में चल रहा है जहां पहले भी कई ट्रक बाहर की धान खरीदी गई है तो अभी भी कई ट्रक धान छुपा कर रखी हुई है।

यहां शारदा विपणन सेवा सहकारी समिति मैहर तथा नादन शारदा सहकारी विपणन संस्था मैहर द्वारा खरीदी की जा रही है और 923 किसानों का पंजीयन है। सारा खेल केन्द्र प्रभारियों की सहमति से चल रहा है। इस केन्द्र में धान को पुराने बोरों से निकालकर नये बोरों में भरा जा रहा है। काफी धान से भरे काफी बोरे अभी भी ऐसे रखे हुए हैं जिनमें  उत्तर प्रदेश खाद्य एवं रसद विभाग लिखा है। यह भी लिखा है कि आरएमएस 2019-20 और बजन 50 किलो लिखा है। कई बोरों में तो भर्ती का सन 2016-17 तक दर्ज है। इससे साफ जाहिर होता है कि यह धान यूपी के किसी सरकारी गोदाम से निकलकर यहां तक पहुंची है।