गेहूं उपार्जन: इस बार 62 नहीं, सिर्फ 45 दिन खरीदी
सतना | इस बार गेहूं फसल की कटाई में देरी की संभावना को देखते हुए पहली अप्रैल से गेहूं उपार्जन का कार्य शुरू किया जाएगा जो 15 मई तक चलेगा। पिछले सालों में यह कार्य 25 मार्च से शुरू होकर 25 मई तक चलता था। सरकार द्वारा इस बार खरीदी के दिनों में कटौती करते हुए 62 दिन के स्थान पर सिर्फ 45 दिनों में ही उपार्जन का कार्य निबटा लेने का निर्मय किया है। यह व्यवस्था उपार्जन के बाद खरीदी गई मात्रा के गोदामीकरण के बीच बारिश से गेहूं के खराब होने के बढ़ते मामलों को देखते हुए लिया गया है।
फिलहाल जिले में 84 केन्द्रों का निर्धारण हो गया है जिसमें उपार्जन शुरू होने तक और वृद्धि होने की संभावना देखी जा रही है। अभी तक कितना गेहू खरीदा जाएगा इसका कोई लक्ष्य तय नहीं हो सका। इस बार गेहूं उपार्जन के लिये जिले में पिछले साल के मुकाबले डेढ़ गुना अधिक यानी 84 हजार 248 किसानों ने पंजीयन कराया है। पंजीयन में हुई त्रुटि के सुधार का काम चल रहा है। जल्द ही बोये गये रकबे का सत्यापन भी संबंधित अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।
देर से ही शुरू होता है उपार्जन
प्रदेश सरकार द्वारा उपार्जन वर्ष 2021-22 में गेहूं की खरीदी का काम सतना जिले में पहली अप्रैल से शुरू करने का निर्णय लिया गया है। इसके पहले तक खरीदी केन्द्र भले ही 25 मार्च तक खुल जाते थे पर उनमें किसान 10 अप्रैल के बाद ही अनाज लेकर पहुंचते थे। इस दौरान उन्हें मैसेज भेजे जाते थे पर कटाई न हो पाने के चलते काफी किसान समय पर उपार्जन नहीं कर पाते थे। बाद में उन्हें बुलाया तो जाता था पर काफी समय तक उन्हें अनाज रोककर रखना पड़ता था और अचानक काफी किसानों के पहुंच जाने से खरीदी की व्यवस्था में भी व्यवधान आता था।
इस बार उपार्जन में कुछ परिवर्तन किये गये हैं इनमें सबसे बड़ा परिवर्तन तो जिले की खरीदी एजेंसी मार्कफेड के स्थान पर सीधे नान को ही बना देना है। इसके कारण भी खरीदी के दौरान अव्यवस्था होने के साथ ही किसानों को होने वाली परेशानी भी बढ़ने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। इस बार अभी तक न तो गेहूं खरीदी का लक्ष्य ही सामने आया और न ही कितने केन्द्रों में उपार्जन होगा यही तय हो पाया। फिलहाल 84 केन्द्रों का निर्धारण हो गया है और खरीदी शुरू होने तक अभी 30-35 केन्द्र और बनाये जा सकते हैं।
...ताकि बारिश से तालाब न बने केन्द्र
घोषित तौर पर गेहूं उपार्जन का कार्य भले ही 25 मई तक होता रहा हो पर आखिरी समय केन्द्र तक पहुंचे किसानों को टोकन देकर बाद में भी खरीदी की जाती रही है। पिछले साल भी 2 जून तक खरीदी चलती रही है। इसी दौरान तीन चार दिन लगातार बारिश होने से जिले के दर्जनों केन्द्रों में खुले में रखा गेहूं भीग गया था और कई केन्द्र तो तालाब बन गये थे। इससे किसानों को भुगतान में देरी तो हुई ही काफी मात्रा में गेहूं भी सड़ गया था। यही कारण है कि इस बार 15 मई तक गेहूं खरीदी करने का निर्णय लिया गया है।
माना जा रहा है कि सिर्फ 45 दिनों में सभी पंजीकृत किसानों का गेहूं खरीद लिया जाए इसके लिये अभी तक तय केन्द्रों के अलावा 30 से अधिक और केन्द्र बनाये जा सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि उपार्जन के दौरान प्रयास यह होगा कि हर हाल में 15 मई तक गेहूं खरीदी का काम पूरा कर करते हुए 25 मई तक पूरी खरीदी मात्रा का भण्डारण हो जाए।
इस बार गेहूं उपार्जन का कार्य जिले में पहली अप्रैल से शुरू होकर 15 मई तक कराने की योजना है। 84 हजार 248 किसानों ने पंजीयन कराया है। फिलहाल जिले में 84 केन्द्रों का निर्धारण हुआ है। यह संख्या आगे बढ़ सकती है।
केके सिंह, जिला खाद्य अधिकारी सतना