भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा एक लाख की इनामी राशि वाली क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल
- 6 फरवरी को खेला जाने वाला फाइनल एक माह बाद भी नहीं हो सका
- तारीख पर तारीख से लोगों में आक्रोश
सतना | शहर में पिछले दिनों खेली गई एक क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल चर्चा का विषय बना हुआ है। कारण है आयोजकों द्धारा फाइनल कराने को लेकर की जा रही हीला-हवाली है। प्रतियोगिता के मुकाबले तो सफलता पूर्वक करा दिए गए, मगर फाइनल नहीं कराया जा रहा है। इस बात को लेकर आयोजकों की भूमिका संदिग्ध हो गई है, और भ्रष्टाचार की बू आ रही है। सवाल हो रहा है कि आयोेजक आखिर फाइनल मुकाबला कराने से क्यों कतरा रहे हैं, क्या आयोेजक प्रतियोगिता की विजेता व उपविजेता टीम को दी जाने वाली भारी-भरकम इनामी राशि हड़पना चाहते हैं। फाइनल में पहुंची दोनों टीमें मुकाबला खेले जाने का इंतजार कर रही हैं, मगर उनको बार-बार अगली तारीख देकर गुमराह किया जा रहा है, जिस कारण उनका सब्र टूट रहा है।
क्या कहते हैं आयोजक
इस संबंध में आयोजकों का कहना है कि प्रतियोगिता में शामिल टीमों ने निर्धारित प्रवेश शुल्क पूरा नहीं दिया था, जिस कारण आर्थिक संकट आ गया है। आयोजक यह भी कह रहे हैं कि फाइनल पहुंची टीमों से समझौता हो गया है, और उन्हें कुछ राशि देकर मामला सुलझाया जा रहा है। आयोजकों ने बताया कि प्रतियोगिता में 32 टीमों ने शिरकत की थी, जिनका प्रवेश शुल्क ही सवा दो लाख रुपए होता है, मगर किसी भी टीम ने निर्धारित शुल्क 7 हजार पूरा नहीं दिया, फाइनल पहुंची टीम ने ही मात्र दो हजार रुपए दिए थे, लिहाजा प्रवेश शुल्क सवा दो लाख की जगह सवा लाख ही प्राप्त हुआ।
आयोजन में टर्फ विकेट बनाया गया था, बिजली विभाग से टीसी के माध्यम से बिधुत कनेक्शन लिया गया था, जिसमें 90-95 हजार रुपए खर्च हो गया। कंपनी ने भी पैसे देने से मना कर दिया। अब फाइनल पहुंची टीम से समझौता किया गया है और बुल्स की टीम को 25 हजार रुपए देकर मना लिया गया है। यह प्रतियोगिता जितने ताम-झाम के साथ शुरू हुई थी, उतने ही हो हल्ला का शिकार बन गई। प्रतियोगिता का फाइनल न होने से आयोजकों को संदिग्ध माना जा रहा है। एक तरफ क्षेत्र के खेलप्रेमी फाइनल देखने को बेताब हैं तो दूसरी तरफ खिलाड़ीगण आयोेजकों पर उंगलिया उठा रहे हैं। अब देखना यह है कि इस प्रतियोगिता का फाइनल खेला जाएगा या फिर यह प्रतियोगिता भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाएगी।
क्या है मामला
यह प्रतियोगिता स्थानीय व्यंकट क्रमांक एक विद्यालय के खेल मैदान में खेली गई थी, जिसमें विजेता टीम को एक लाख रुपए व उपविजेता टीम को 51 हजार रुपए का नगद पुरस्कार दिया जाना था। टेनिस बॉल नाइट क्रिकेट की यह प्रतियोगिता एबीसी ग्रुप के तत्वाधान में आयोजित किए जाने की बात कही जा रही है। प्रतियोगिता में कुल 32 टीमों ने शिरकत की थी,और प्रत्येक टीम से सात-सात हजार रुपए प्रवेश शुल्क लिया गया था। मगर फाइनल मुकाबला अभी तक नहीं कराया गया।
बदलती रही फाइनल की तारीख
सूत्रों की मानें तो प्रतियोगिता 26 जनवरी से शुरू हुई थी, जिसका फाइनल मुकाबला 6 फरवरी को खेला जाना था। बताया गया है कि राजेन्द्र नगर वारियर्स व बुल्स की टीमें प्रतियोगिता के फाइनल में पहुंची थीं, तब इन टीमों को कहा गया था कि फाइनल मैच 14 फरवरी को खेला जाएगा, इसके बाद 21 फरवरी को फाइनल कराए जाने की बात कही गई। कहा जा रहा है कि अब आयोेजकों ने फाइनल न कराएं जाने की बात कहकर मामले को हवा दे दिया।
प्रतियोगिता में टीमों से प्रवेश लगभग सवा दो लाख रुपए आना था, मगर टीमों ने पूरा प्रवेश शुल्क नहीं दिया, और मात्र सवा लाख रुपए ही शुल्क मिला। मैदान व विद्युत व्यवस्था में ही 90 हजार रुपए खर्च हो गए, ऐसे में आर्थिक संकट आ गया। फाइनल पहुंची टीमों से चर्चा के बाद समझौता कर मामले का समाधान निकाल लिया गया है।
आमिर शाहिद, सदस्य आयोेजक समिति