सदन के पटल पर गूंजा रीवा-मुंबई ट्रेन का मामला

रीवा | देश की सबसे बड़ी पंचायत के पटल पर रीवा संसदीय क्षेत्र के सदस्य जनार्दन मिश्रा ने विंध्य क्षेत्र के चहुंमुखी विकास को लेकर एक बार फिर रीवा से औद्योगिक राजधानी मुंबई के बीच सीधी रेल सेवा शुरू करने की मांग उठाई। उन्होंने लोकसभा सत्र के दौरान स्पीकर को बताया कि सन् 1956 में विंध्य प्रदेश को मध्यप्रदेश में विलय के दौरान ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के संबंध में कुछ शर्तें रखी थीं। जिसका पालन आज तक नहीं हो पाया है।

हालांकि केन्द्र की वर्तमान भाजपा सरकार के निर्देशन में ललितपुर-सिंगरौली रेल लाइन के लिए पर्याप्त बजट मिल रहा है लिहाजा योजना अंतिम चरण की ओर बढ़ रही है। वहीं दूसरी तरफ उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रधानमंत्री द्वारा रीवा से केवड़िया के बीच एक नई ट्रेन की सौगात दी है। जबकि विंध्य के यात्री बार-बार रीवा-मुंबई ट्रेन की मांग करते आ रहे हैं। ऐसे में उन्होंने रेल मंत्री से रीवा-मुंबई के बीच सीधी रेल सेवा शुरू करने की मांग रखी।

डभौरा में मांगा ठहराव

इस दौरान सांसद जनार्दन मिश्रा ने यह भी बताया कि कोरोना काल की वजह से कई माह तक रेलगाड़ियों का संचालन बाधित था। परिस्थितियों में सुधार आने के बाद सीमित संख्या में गाड़ियों का संचालन किया जा रहा है। रीवा का पहला स्टेशन का दर्जा रखने वाले डभौरा रेलवे स्टेशन में पूर्व में उठाई गई मांग के बाद क्षिप्रा एक्सप्रेस तथा कामायनी एक्सप्रेस को ठहराव दिया गया था, जिसे वर्तमान समय पर निरस्त कर दिया गया है जिस पर उन्होंने उक्त दोनों गाड़ियों को डभौरा स्टेशन में फिर से ठहराव दिए जाने की मांग की।

रीवा-मिर्जापुर रेल लाइन पर हो काम
सांसद श्री मिश्रा ने लोकसभा अध्यक्ष को बताया कि पिछले बजट में रीवा-मिर्जापुर-हनुमना नई रेल लाइन के लिए सर्वे कराया गया था। जिसका काम पूरा हो चुका है। अब इस नई रेल लाइन परियोजना को मूर्त रूप देने की जरूरत है। उनका कहना था कि यदि रीवा-मिर्जापुर रेल लाइन परियोजना को अमली जामा पहना दिया जाए तो इससे जहां एक ओर इलाहाबाद एवं सतना की ओर जाने वाले मुसाफिरों को सौ किलोमीटर की दूरी से निजात मिलेगी, वहीं समय भी बचेगा। साथ ही उक्त रेल लाइन की वजह से रेलवे को भी माल ढुलाई के काम से पर्याप्त राजस्व भी प्राप्त होगा। उन्होंने अपने वक्तव्य के दौरान रेल मंत्री का ध्यान उक्त मांग पर आकृष्ट कराया।