लव जिहाद के खिलाफ MP धार्मिक स्वातंत्र्य विधेयक ध्वनिमत से विधानसभा में पारित

भोपाल | धर्म स्वातंत्र्य विधेयक सोमवार को विधानसभा में बहुमत के आधार पर पारित हो गया है। इससे पहले सदन में इस विधेयक के प्रस्ताव पर करीब डेढ़ घंटे बहस हुई। विपक्षी दल कांग्रेस ने इस कानून के प्रावधानों को लेकर कई सवाल खड़े किए। जबकि विपक्ष ने इस कानून को आज की आवश्यकता बताते हुए कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति करने का आरोप लगाया। इस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का जवाब- हम 'लव' के नहीं, 'जिहाद' के खिलाफ हैं।

बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि इस कानून की जरुरत सबसे ज्यादा आदिवासी बेटियों को है, क्योंकि इन्हें बहला-फुसला कर ईसाई और मुसलमान बनाया जा रहा है। इसकी आड़ में सरकारी योजनाओं का लाभ भी लिया जा रहा है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2021 को सदन में चर्चा के लिए रखा। इस दौरान सभापति झूमा सोलंकी आसंदी पर अध्यक्ष की भूमिका में थीं।

सबसे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने इस विधयेक पर अपनी बात रखते हुए आरोप लगाया कि यह कानून सिर्फ शिगूफा है, सरकार के पास कोई काम नहीं है, इसलिए ऐसे कानून बना रही है। उन्होंने कहा कि यह कानून व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला है। संविधान में यह स्वतंत्रता दी गई है कि कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन कर सकता है, लेकिन सरकार इस पर बंदिश लगा रही है। यदि यह विधेयक पारित होता है तो संविधान का उल्लघंन होगा।

विधेयक में बदलाव के दिए सुझाव

डॉ. सिंह के आरोपों का जवाब पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा ने दिया। उन्होंने कहा कि संविधान (आर्टिकल 25 से 28 तक) में धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है। यह कानून भी 1968 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वीरेंद्र कुमार सकलेचा विधानसभा में लेकर आए थे। उस समय भी कांग्रेस ने इसका विरोध किया था। जिसे मजबूत करने का काम शिवराज सरकार ने किया है। हालांकि उन्होंने विधेयक में कुछ बदलाव के सुझाव भी दिए। उन्होंने कहा कि इसमें दोषी पर कितना जुर्माना लगेगा, इसका उल्लेख किया जाना जाहिए। इसके बाद कांग्रेस विधायक हिना कांवरे, विनय सक्सेना और बीजेपी विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया ने अपनी बात रखी।

गृह मंत्री मिश्रा बोले- कांग्रेस देश में भ्रम फैलाने का काम कर रही  
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस देश में तुष्टीकरण की राजनीति करने के लिए भ्रम फैलाने का काम कर रही है। पहले सीएए और फिर धारा 370 हटाए जाने पर लोगों को गुमराह करने का काम किया। अब मप्र सरकार धर्म स्वातंत्र्य कानून बना रही है तो इसके बारे में भ्रम फैलाया जा रहा है कि एक धर्म विशेष के खिलाफ यह काूनन है। इस काूनन को लागू करने की जरुरत क्यों पड़ी? 

कांग्रेस ने लगाया आरोप- विधायकों के साथ भेदभाव बर्दाश्त नहीं होगा
विधानसभा में आज सदन के अंदर मंत्रियों और विधायकों के अलग-अलग एंट्री गेट से प्रवेश करने की नई व्यवस्था पर जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह विधायकों के साथ भेदभाव है और इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले को लेकर गृह मंत्री डॉक्टर नरोत्तम मिश्रा और जीतू पटवारी के बीच में जमकर बहस हुई। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि लोकसभा में भी इसी तरह की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि केवल सदन के अंदर एंट्री को लेकर नई व्यवस्था नहीं की गई है, पार्किंग में भी मंत्रियों और विधायकों के लिए अलग-अलग इंतजाम किए गए हैं।