अभी पैसेंजर ट्रेन चलने के, जनरल टिकट मिलने के आसार नहीं
सतना। कोरोना की सबसे ज्यादा मार आम आदमी पर पड़ी है। नियमित ट्रेनों को बंद हुए पूरे एक साल हो गए। स्पेशल ट्रेनें चल रही है जिनमें जनरल क्लास में भी सफर करने के लिए ज्यादा किराए पर रिजर्वेशन करा यात्रा करनी पड़ रही है जिससे आम यात्रियों की जेब कट रही है। उल्लेखनीय है पिछले साल 21 मार्च से कोरोना के फैल रहे संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन जारी किया गया था। एक-एक करके रेलवे के सभी विभागों ने काम करना शुरू कर दिया, बस जनरल टिकट से जुड़ी सुविधा को शुरू करने की ओर रेलवे ने ध्यान नहीं दिया। एक साल से यात्री पैसेंजर ट्रेन और जनरल टिकट के लिए तरस रहे हैं।
जनरल में भी कोटा
बताया जाता है कि कोविड स्पेशल नाम से चल रही ट्रेनों में एसी-स्लीपर की तरह जनरल क्लास का भी कोटा निर्धारित कर दिया है। रीवा से चलने वाली ट्रेनों में रीवा-आनंद विहार, रेवांचल, इंटरसिटी, रीवा-डॉ अम्बेडकर नगर , रीवा-केवड़िया ,रीवा- इतवारी एवं महाकौशल मे 10 बर्थ का कोटा निर्धारित किया गया है।
दिवाली से होली आ गई, लेकिन यात्रियों को राहत नहीं मिली
यात्रियों के अनुसार कोरोना काल के कई चरण बीत जाने के बाद भी रेलवे ने अभी तक जनरल टिकट की बिक्री शुरू नहीं की है, जिससे सामान्य यात्री परेशान हैं। रेलवे ने हालात बेहतर होने पर पिछली दिवाली में जनरल टिकट की बिक्री शुरू करने की बात कही थी, लेकिन साल बदलने के बाद होली आ गई, पर अभी तक जनरल टिकट मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। जरूरत पड़ने पर वे रेल सफर नहीं कर पाते। आरक्षण नहीं मिल पाता। होली का त्यौहार नजदीक आ रहा है और यात्रियों को इस त्यौहार में भी राहत नजर नहीं आ रही। ट्रेनों में वेटिंग बढ़ रही है। अभी कुछ रूटों पर कम टेÑने हैं।
यहां अभी स्थितियां सामान्य नहीं
- प्लेटफार्म टिकट 10 की जगह 30 रुपए की
- स्टेशन में केवल एक प्रवेश व निकास द्वार
- जनरल टिकट बंद
- केवल कन्फ र्म यात्रियों को ही सफर की अनुमति
- अमानती क्लॉक रूम की सुविधा नहीं
हमारी तैयारी पूरी है लेकिन अभी बोर्ड से पैसेंजर ट्रेनों के संचालन व जनरल टिकट बिक्री के निर्देश नहीं आए है। जैसे ही आदेश आएंगे हम पटरी पर ट्रेन दौड़ाना शुरू कर देंगे।
विश्वरंजन, सीनियर डीसीएम