मास्साबों ने किताब खोल दिया एग्जाम फिर भी नहीं साबित कर पाए दक्षता
सतना | ऐसे सरकारी हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी जिनके पिछले साल वार्षिक परीक्षा के परिणाम कम थे,स्कूल शिक्षा विभाग उन स्कूल के शिक्षकों की दक्षता परीक्षा ली है। विभाग ने किताब खुलवा कर मास्साबों से एग्जाम लिया लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसके बाद भी शिक्षक फेल हो गए । फेल का सर्वाधिक प्रतिशत गणित में रहा। यही एकमात्र ऐसा विषय था जिसमें मास्साबों के ज्ञान की बत्ती गुल रही । जिले के सरकारी स्कूलों के 40 फीसदी से कम रिजल्ट वाले हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी के शिक्षकों और उनके कैचमेंट में आने वाले माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों को दक्षता परीक्षा से गुजरना पड़ा। इस प्रक्रिया के तहत किताब खोल कर परीक्षा ली गई। इसमें भी 70 फीसदी से कम अंक आए। इस अंक में आने वाले मास्साबों की संख्या सबसे अधिक बताई जाती है।
मिला दूसरा मौका
3 और 4 जनवरी को हुए दक्षता मूल्यांकन में अनुपस्थित मास्साबों के इम्तिहान लिए गए। इसमें जो अनुपस्थित थे उन्हें रविवार को दूसरा मौका मिला लेकिन इसमें भी शत-प्रतिशत शिक्षक शामिल नहीं हुए। आयोजित दक्षता मूल्यांकन में माध्यमिक और हाईस्कूल के शिक्षक शामिल हुए। बताया गया है कि माध्यमिक शिक्षक 21 के 21 उपस्थित रहे जबकि हाईस्कूल के 19 में से 17 शिक्षक ही आए। सवाल यह है कि जो दो बार परीक्षा में नहीं आए उन्हे विभाग क्या तीसरा मौका भी देगा?
जिला शिक्षा कार्यालय से विश्वस्त सूत्रों की मानें तो माध्यमिक विद्यालयों के एक सैकड़ा, हाईस्कूल के एक दर्जन से अधिक और हायर सेकेंडरी के शिक्षक भी 70 फीसदी के नीचे अंक ही ला सके। अब इन्हे बकायदा प्रशिक्षण दिया जाएगा इसके बाद फिर से इम्तिहान के दौर से गुजरना होगा। सर्वाधिक शिक्षक गणित विषय में फेल हुए।
इसमें भी सर्वाधिक संख्या हाईस्कूल के शिक्षकों की है। हाईस्कूल के 17 शिक्षक तय मापदंड से कम नंबर पाए हैं। इसके बाद माध्यमिक के 6 और हायर सेकेंडरी के 1 शिक्षक पैमाने तक नहीं पहुंची । इसी तरह सोशल साइंस में 50 मैजिक नंबर से दूर रहे। इसमें माध्यमिक शिक्षकों की संख्या 49 है जबकि हाईस्कूल का एक ही शिक्षक शामिल है। हिन्दी विषय में भी 20 फेल हैं। यह संख्या केवल माध्यमिक शिक्षकों की है। साइंस में माध्यमिक के 27 और हाईस्कूल के दो शिक्षक फेल हैं।