पुलिस फोर्स के साथ डाकुओं की टोह लेने जंगल में उतरे SP

सतना | एमपी-यूपी के बार्डर में सक्रिय डाकुओं की गतिविधियों पर प्रभारी लगाम लगाने और दस्यु प्रभावित गांव के ग्रामीणों से सीधा संवाद स्थापित करने के लिए शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक पुलिस फोर्स के साथ जंगल में उतरे। बार्डर से लगे जंगलों में सर्चिंग कर डकैतों के उपयोग किए जाने वाले रास्तों को चिन्हित किया गया। संवाद के दौरान ग्रामीणों को विजिटिंग कार्ड और पुलिस के नम्बर दिए गए। 

15 किमी चले पैदल, चढ़े पहाड़ 
पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह शुक्रवार की सुबह 8 बजे एसडीओपी नयागांव अभिनव चौकसे (आईपीएस), रक्षित निरीक्षक सत्य प्रकाश मिश्रा, थाना प्रभारी बरौंधा पीसी कोल, थाना प्रभारी मझगवां ओपी चोंंगड़े, सूबेदार हृदेश खुशराम समेत 50 पुलिस कर्मियों के साथ सतना -कर्वी और बांदा जिले के बार्डर से लगे बगदरी जंगल में प्रवेश किया। पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में पुलिस फोर्स बगदरी जंगल से होते हुए कुठिला पहाड़, तेरौट होते हुए जवारिन पहुंची। जवारिन के बाद पुलिस अधीक्षक अपनी टीम के साथ बरहा जंगल होते हुए मुड़ियादेव के जंगलों में पहुंचे। तकरीबन 15 किमी तक जंगलो में सर्चिंग करने के अलावा आसपास के कई पहाड़ों में चढ़कर पुलिस अधीक्षक के द्वारा क्षेत्र की भौगोलिक स्थिति की जानकारी एकत्र की। 

टारगेट में फरार बदमाश 
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सर्चिंग करने का उद्देश्य दस्यु उन्मूलन अभियान में लगे पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को जंगल की भौगोलिक स्थिति से वाकिफ कराना था ताकि वे जंगल की टोपोग्राफी के बारे में पूरी तरह से जान सकें। ताकि कोई आपरेशन शुरू किया जाए तो पुलिस अधिकारी और कर्मचारी हर रास्ते और जगह के बारे में भलीभांति परिचित हों जिससे आपरेशन में सफलता मिले। इतना ही नहीं सर्चिंग के दौरान पुलिस के टारगेट में फरार बदमाश हैं जो बियावान जंगलो से लगे रास्तों में आपराधिक गतिविधियो में संलिप्त रहते हैं। 

सर्चिंग के दौरान पुलिस अधीक्षक के द्वारा दस्यु प्रभावित गांवो में चौपाल लगाई गई। ग्रामीणों से सीधा संवाद कर पुलिस अधीक्षक ने उन्हें आश्वस्त किया कि पुलिस नियमित रूप से क्षेत्र में आती रहेगी। बिना डर के क्षेत्र में घूमने वाले संदिग्धों और आपराधिक गतिविधि में संलिप्त लोगों की सूचनाएं पुलिस को दें।

ग्रामीणों को नशे से दूर रहने की नसीहत दी। इस दौरान पुलिस अधीक्षक के द्वारा ग्रामीणों को विजटिंग कार्ड दिया गया। कुछ ग्रामीणों को अलग-अलग थाना प्रभारियों व पुलिस कर्मियों के नम्बर दिए गए ताकि वे पुलिस से सूचनाएं साझा कर सकें। पुलिस अधीक्षक ने दस्यु प्रभावित गांवों में थाना पुलिस व संबंधित अधिकारियों के मोबाइल नम्बर अंकित कराने के निर्देश दिए हैं। सर्चिंग के दौरान मवेशी लेकर जंगल जाने वाले चरवाहों से भी बातचीत कर जानकारी हासिल की गर्इं। 

शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में 50 पुलिस कर्मियों ने बरौंधा थाना क्षेत्र के जिन जंगलों और दस्यु प्रभावित गांवों में सर्चिंग की, इस इलाके में 1 लाख 50 हजार के इनामी डकैत गौरी यादव का मूवमेंट अक्सर रहता है। डकैत गौरी अपने गिरोह के साथ कर्वी जिले की सीमा पारकर मुड़ियादेव, जवारिन, कुठिला पहाड़ आदि जंगलों से होते हुए पड़मनिया तक आता है, इस क्षेत्र में डकैत गौरी के सजातीय लोगों की बाहुल्यता है। गौरी की रिश्तेदारियां भी इस क्षेत्र में हैं। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इस क्षेत्र में मवासी समुदाय के भी लोग रहते हैं। नवोदित दस्यु सरगना सम्पत मवासी की गैंग में बरौंधा थाना क्षेत्र का एक मवासी युवक हाल ही में शामिल हुआ है।

सर्चिंग के दौरान पुलिस ने डकैत गौरी और नवोदित दस्यु सरगना सम्पत गैंग के संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल की हैं। पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में की गई सर्चिंग के दौरान जंगल में डकैतों के रुकने वाले स्थान के अलावा वे जगह भी चिन्हित किए गए जहां पर जंगल के अंदर पानी की उपलब्धता है। दरअसल, डकैत गिरोह जंगल के अंदर उन्हीं रास्तो का उपयोग करते हैं जहां पर उन्हें पानी मिल सके। पहाड़ो के बीच कंदराओं में छिपने वाले स्थानों को भी चिन्हित किया गया। चरवाहों और ग्रामीणों से संवाद के दौरान उन रास्तों का पता चला जिस रास्ते के जरिए डकैत यूपी की सीमा से एमपी की सीमा में प्रवेश करते हैं।