दावा कोरोना एसओपी के साथ विद्यालयों के संचालन का पर सैनिटाइजर तक के इंतजाम नहीं

सतना | कोरोना वायरस एक बार फिर अपने पांव तेजी से पसार रहा है। एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण के के स बढ़ने लगे हैं    स्कू ल शिक्षा विभाग ने 9-12 तक की स्कूलों का पूरी क्षमता के साथ संचालन शुरू कर दिया है। वहीं सरकार ने 1अप्रैल से कक्षा 8 तक की स्कूलों को भी खोलने के निर्देश दिए है लेकिन कोविड के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सरकार के इन निर्देशों पर जानकार सवाल खड़े कर रहे है। यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि  स्कूलों में न तो मास्क और न सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन हो रहा है और न ही विद्यालयों में ऐसे इंतजाम हैं कि इन नियमों का पालन कराया जा सके।

बेशक स्कूल प्रबंधन सरकार के निर्देश पर स्कूल खोल रखे हों और दबी जुबान कोरोना एसओपी के पालन का का दावा भी करते हों लेकिन जमीनी सच यह है कि कोरोना एसओपी के नियमों का पालन कराने के लिए सभी संसाधन तो दूर , विद्यालयों में तो सैनिटाइजर तक की व्यवस्था नहीं है। कोविड के मामलों में हो रही बढ़ोतरी के बीच  लोक शिक्षण आयुक्त द्वारा सभी शासकीय हाईस्कूल एवं हायर सेके ंडरी का समय परिवर्तित कर प्रात: 9 से 5 तक किया गया है।  स्कूलों मे इतनी छात्र संख्या है कि एक साथ छात्रों के आने पर कोविड के नियमों का पालन नही हो सकता। सोशल डिस्टेसिंग तो दूर बच्चों को एक साथ बैठाए बिना कक्षाओं का संचालन संभव नहीं है, ऐसे में   अगर कोई एक छात्र संक्रमित होता है तो कि तने बच्चों में संक्रमण फैलेगा इसका कोई अंदाजा नही लगाया जा सकता। यदि ऐसा हुआ तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? 

देखिए महाविद्यालय में साढ़े 13 हजार छात्र संख्या हैं। हम एक साथ छात्रों की क्लास नहीं लगा रहे इसलिए क्लास रूम में सोशल डिस्टेसिंग के नियमों का पालन होता है। रही बात सीसी एग्जाम की कॉपी जमा करने की तो इसके लिए भीड़ कम करने अलग-अलग समय बटा हुआ है। 
डा. आरएस गुप्ता, प्राचार्य डिग्री कॉलेज

कॉलेज में कोविड के नियमों का पूरा पालन हो रहा है। 50 प्रतिशत उपस्थिति के साथ क्लास लग रही हंै जिसमें 30 प्रतिशत ही छात्राएं आती हैं। आॅनलाइन क्लास भी लग रही हैं। मास्क लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है। सोशल डिस्टेसिंग के साथ स्क्रीनिंग भी होती है। 
डां. नीलम रिछारिया, प्राचार्य गर्ल्स कालेज 

स्कूल में कोविड एसओपी का पालन किया जा रहा है। छात्रों को मास्क के साथ ही विद्यालय में प्रवेश दिया जा रहा है। सप्ताह में एक दिन क्लासों को सेनेटाइज करवाया जाता है। संदेह होने पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाती है। 
गोपाल शरण सिंह चौहान, प्राचार्य व्यंकट 1 स्कूल

एमएलबी स्कूल में 17 सौ छात्र संख्या है। एक साथ क्लास नहीं लगाई जा सकती। इसलिए दो सिफ्ट में स्कूल संचालित करवाई जाती है। रही कोरोना गाइड  लाइन की तो इसके लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। 
कुमकुम भट्टाचार्य, प्राचार्य एमएलबी स्कूल