कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर ने कहा -, जहां चार बर्तन होते हैं वह खनकते ही हैं

सतना | जहां चार बर्तन होते हैं वे आपस में खनकते ही हैं, इसे गुटबाजी नहीं कहा जा सकता। कांग्रेस में कोई गुटबाजी नहीं है, सभी नेता व कार्यकर्ता एकजुट हैं और आने वाले नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी पिछली विफलताओं को दरकिनार कर और उनसे सबक लेते बेहतर प्रदर्शन करेगी। यह बात कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव संजय कपूर ने स्टार समाचार से चर्चा के दौरान कही। राष्ट्रीय सचिव श्री कपूर नगरीय निकाय चुनाव के लिए पार्टी की तैयारियों को परखने और दावेदारों के बीच में रायशुमारी के लिए आए थे। उनके साथ हुई विस्तृत बातचीत के कुछ अंश यहां पेश हैं.....। 

स्टार: नगरीय निकाय चुनावों की रायशुमारी के लिए आप विंध्य के दौरे पर रहे, क्या माहौल नजर आया? 
संजय: विन्ध्य का यह मेरा पहला दौरा है, अभी बहुत कुछ तो नहीं कह सकता लेकिन इतना कहूंगा कि पार्टी कार्यकर्ताओं में जबरदस्त उत्साह है। अगले माह की 15 तारीख को फिर आ रहा हंू। इसके बाद ही कुछ विशेष कह पाऊंगा। 

स्टार : प्रत्याशी चयन का आधार क्या होगा? 
संजय : चुनाव जीतने की क्षमता और सबसे बड़ी बात पार्टी का वह समर्पित और निष्ठावान कार्यकर्ता हो। 

स्टार : हर बार बातें तो इसी तरह की होती हैं पर टिकट नेताओं के आगे- पीछे घूमने वाले को दिया जाता है? 
संजय : ऐसा नहीं है! पार्टी हर बार जीत की संभावना जिस नेता में देखती है, टिकट उसी को देती है। हार- जीत चुनाव में लगा रहता है। जहां तक नेताओं की बात है तो कोई भी नेता ऐसे व्यक्ति को टिकट देने की पैरवी नहीं करता जिसके जीतने के चांस न हो इससे नेता की छवि पर भी तो असर पड़ता है।

स्टार : नगरीय निकाय चुनाव में क्या उम्मीद लगती है? 
संजय: पिछले चुनाव में भले ही हमें वैसी सफलता नगरीय निकाय चुनावों में न मिली हो पर इस बार कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करेगी। 

स्टार : जिस तरह कांग्रेस गुटों में बंटी है, बिखरी हुई है, उसके बावजूद बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है? 
संजय : कांग्रेस न तो गुटों में बंटी है और न ही बिखरी हुई है, पूरी कांग्रेस एकजुट है। हां कुछ लोगों के बीच मन और मतभेद हैं, जहां चार लोग होते हैं वहां यह स्वाभाविक है। 

स्टार: जिस प्रकार की नारेबाजी आपके सामने ही हुई क्या वह ठीक है, अनुशासन हीनता नहीं है? 
संजय: राजनीति में नारेबाजी कार्यकर्ताओं के उत्साह को दिखाती है। हमारे कार्यकर्ता उत्साह में है और उसी का परिणाम थी नारेबाजी। इसकी एक सीमा है और यह भी एक सीमा में होनी चाहिए,जहां तक अनुशासनहीनता की बात है तो पार्टी में इसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अनुशासन हीनता करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा।