15 साल पहले एक्सपायर हो चुका ब्रिज, रेलवे शुरू नहीं कर पा रहा काम
सतना | क्या आप जानते हैं कि मुंबई-हावड़ा रेलखंड में सतना नदी पर स्थित जिस रेल ब्रिज से रेलगाड़ियां गुजरती हैं, वह न केवल सौ साल पुराना है बल्कि 15 साल पूर्व अपनी एक्सपायरी डेट भी क्रास कर चुका है, लेकिन रेल प्रशासन इस पुल का निर्माण शुरू नहीं कर पा रहा है। रेलवे दो साल से इस ब्रिज का निर्माण शुरू करने की कवायद कर रहा है। अब एक बार पुन: ब्रिज में पुराना गर्डर बदलने की तैयारियां शुरू हो गई हैं।
ऐसी ही तैयारियों को अमली जामा पहनाने के उद्देश्य से पश्चिम मध्य रेलवे जोन के चीफ ब्रिज इंजीनियर(सीबीई) ओपी तंवर और प्रमुख मुख्य इंजीनियर (प्रिंसिपिल इंजीनियर)एके पांडेय ने शुक्रवार को ब्रिज का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान ब्रिज बनाने के साथ नदी में पानी का लेबल कितना है इसकी जानकारी मांगी गई है। नए स्पॉन डालने की कार्य योजना पर स्थानीय अधिकारियों से चर्चा की । सीबी और पीसी डाउन ट्रेन 09267 अहमदाबाद स्पेशल से दोपहर सवा 1 बजे सतना स्टेशन पर पहुंचे थे और फिर ट्राली में बैठकर सतना नदी के ब्रिज का निरीक्षण किया।
साथ ही सतना स्टेशन में बने रहे नए ब्रिज का निरीक्षण एवं कार्य प्रगति की जानकारी ली। इस दौरान मंडल अभियंता नरेन्द्र सिंह, सहायक मंडल अभियंता दक्षिण राजेश पटेल, आईओडब्ल्यू एके पोरवाल, एके खरे, चीफ पीडब्ल्यूआई एलपी रैकवार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि इसी टीम ने पिछले साल दिसंबर माह में रेलवे गार्डर को बदलने की तैयारियों के संबध में निरीक्षण किया था।
डाउन साइड का बदलेगा गर्डर
बताया जाता है कि सतना नदी के ऊपर रेल ब्रिज का डाउन दिशा का गर्डर बदला जाएगा। अप गर्डर को डाउन साइड लाया जाएगा और अप में नया गर्डर लगाया जाएगा। रेल अधिकारियों के अनुसार एक तो ब्रिज की लाइफ खत्म हो गई है तो वहीं अंग्रेजों के जमाने का होने की वजह से इसकी ऊंचाई व चौड़ाई कम है। जबकि अब इलेक्ट्रिफिकेशन तक हो गया है। नए बाक्स पहले से ज्यादा चौड़ा व ऊंचा डाला जाएगा। रेलवे अधिकारियों के अनुसार 10-15 साल पहले ही ब्रिज ओव्हर डेट का हो चुका है।
दो साल से नहीं हो पा रहा कार्य
सूत्रों की मानें तो रेलवे लगभग दो साल सतना नदी के ब्रिज का कार्य करने की योजना बनाता आ रहा है। नदी के पास गर्डर भी काफी समय से पड़े हुए हैं। बताया गया कि जल्द ही ब्रिज पर कार्य प्रारम्भ कर दिया जाएगा।